धर्म डेस्क, इंदौर। Naganathaswamy Temple: वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह कहा गया है। इनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालता है। इनकी गलत दृष्टि जीवन को बर्बाद कर देती है। कलियुग में ये दोनों ग्रह और भी ताकतवर हो गए हैं। इन दोनों ग्रहों की स्थिति जीवन में निर्णायक भूमिका निभाती है।
केतु के अशुभ स्थिति में होने से जीवन में मानसिक तनाव, धोखाधड़ी और आध्यात्मिक भटकाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसका उपाय भी संभव है। दक्षिण भारत में एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जहां पूजा करने से केतु दोष दूर हो जाता है।
इस मंदिर से जुड़ी एक रहस्यमयी मान्यता के अनुसार राहु दोष से पीड़ित कोई व्यक्ति राहु की मूर्ति पर दूध चढ़ाता है, अर्पित किया दूध नीला पड़ जाता है। इस चमत्कार को आज तक वैज्ञानिक भी स्पष्ट नहीं कर पाए हैं।
पुराणों के अनुसार ऋषि के श्राप से पीड़ित केतु ने इसी स्थान पर भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। शिव ने प्रसन्न होकर केतु को दर्शन दिए। तब से यह स्थान केतु की शांति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि मंगलवार का दिन केतु दोष की शांति के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की उपासना, तंत्र-मंत्र और ध्यान करने से विशेष लाभ मिलता है।
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