Pitru Paksha 2025: सबसे जटिल कुंडली दोषों में शामिल हैं पितृ दोष, ज्योतिषाचार्य से जानें श्राद्ध पक्ष में खरीददारी करें या नहीं
भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू हो गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह समय पूर्वजों को समर्पित होता है। मान्यता है कि यमराज पितरों को श्राद्ध ग्रहण करने के लिए मुक्त करते हैं। इस अवधि में विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित हैं, लेकिन शुभ मुहूर्त में की गई खरीदारी शुभ मानी जाती है।
Publish Date: Thu, 11 Sep 2025 01:53:35 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Sep 2025 01:53:35 PM (IST)
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है। (फाइल फोटो)HighLights
- भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत हुई।
- श्राद्ध में पितरों को प्रसन्न करने की परंपरा निभाई।
- यमराज पितरों को मुक्त कर श्राद्ध ग्रहण करवाते हैं।
धर्म डेस्क। भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई है। प्रतिपदा का पहला श्राद्ध रविवार को मनाया गया था। अक्सर लोग यह मानते हैं कि पितृ पक्ष पर कोई वस्तु खरीदना अशुभ होता है। उनकी इस राय पर ज्योतिषाचार्य पंडित रवि शर्मा ने विचार रखें हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित रवि शर्मा ने बताया कि ब्रह्म वैवर्त पुराण और हिंदू ज्योतिष के अनुसार पितरों की संतुष्टि देवताओं की पूजा से पहले आवश्यक मानी गई है। पितृ दोष को कुंडली के सबसे जटिल दोषों में गिना जाता है।
मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान यमराज पितरों को मुक्त कर देते हैं, जिससे वे अपने वंशजों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें। इस अवधि में कौए को पितरों का प्रतीक माना जाता है और श्राद्ध का प्रथम अंश उन्हें अर्पित किया जाता है।
मांगलिक कार्यों पर रोक
पंडित शर्मा ने स्पष्ट किया कि पितृपक्ष अशुभ नहीं होता है। यह पूर्वजों को समर्पित समय है। इस दौरान विवाह और अन्य बड़े मांगलिक कार्यों पर रोक होती है, लेकिन सामान्य खरीदारी को अशुभ नहीं माना जाता। इस समय शुभ मुहूर्त में नई वस्तु खरीदी जाए, तो माना जाता है कि पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इससे परिवार को अधिक लाभ प्राप्त होता है।
Pitru Paksha 2025 Date: किस तारीख को कौन सी तिथि का श्राद्ध
- प्रतिपदा श्राद्ध : 08 सितंबर 2025
- द्वितीया श्राद्ध: 09 सितंबर 2025
- तृतीया श्राद्ध : 10 सितंबर 2025
- चतुर्थी श्राद्ध : 10 सितंबर 2025
- पंचमी श्राद्ध : 12 सितंबर 2025
- षष्ठी श्राद्ध : 12 सितंबर 2025
- सप्तमी श्राद्ध : 13 सितंबर 2025
- अष्टमी श्राद्ध : 14 सितंबर 2025
- नवमी श्राद्ध : 15 सितंबर 2025
- दशमी श्राद्ध : 16 सितंबर 2025
- एकादशी श्राद्ध : 17 सितंबर 2025
- द्वादशी श्राद्ध : 18 सितंबर 2025
- त्रयोदशी श्राद्ध : 19 सितंबर 2025
- चतुर्दशी श्राद्ध : 20 सितंबर 2025
- सर्वपितृ अमावस्या : 21 सितंबर 2025