पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों को प्रेम सम्बन्धों के कारण जीवन में कई बार परेशानी झेलनी पड़ती है।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Fri, 05 May 2023 09:48:45 PM (IST)
Updated Date: Fri, 05 May 2023 09:48:45 PM (IST)
Purvashada Nakshatra: राशिचक्र का बीसवां नक्षत्र समूह है पूर्वाषाढ़ा। यह पूरी तरह धनु राशि के तारामंडल में ही होता है। इसमें दो तारे हैं और यह धनुर्धारी के धनुष की तरह लगता है। यह हाथी-दांत, पंखे या डलिया की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है और इसका वैदिक देवता अपस अर्थात् जल देवता है। पूर्वाषाढ़ा का अर्थ है, विजय से पूर्व या अजेय तारा। इस नक्षत्र का मूल गुण सत्व है।
जातकों की विशेषता
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों का व्यक्तित्व सुन्दर, प्रभावशाली एवं आकर्षक होता है। ये धनी, सम्पन्न, भाग्यवान, लोकप्रिय तथा सभी कार्यों में चतुर होते हैं। ये उपकारी होते हैं तथा इनका व्यवहार लोगों के साथ नम्रतापूर्ण होता है। ये बहुत अच्छे मित्र होते हैं, लेकिन बहुत बुरे शत्रु भी होते हैं। इनका अधिकांश जीवन जन्म भूमि से दूर गुजरता है। माता-पिता से संबंध अच्छे नहीं होते। धन की कमी होने पर भी इनका कोई कार्य रूकता नहीं हैं।