पुष्य नक्षत्र
इस नक्षत्र के जातक सुखी होते हैं और यह स्वतन्त्र विचार रखते हैं। ये बुद्धिमान तथा धनवान भी होते हैं।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Thu, 20 Apr 2023 07:53:25 PM (IST)
Updated Date: Thu, 20 Apr 2023 07:53:25 PM (IST)
Pushya Nakshatra: वैदिक ज्योतिष के अनुसार सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है पुष्य। यह चक्र या पहिये की तरह दिखायी देता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है,देवता बृहस्पति और लिंग पुरुष है। पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला। इसे सबसे शुभ, सुंदर तथा कल्याणकारी माना गया है। इस नक्षत्र के साथ गुरूवार हो तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरान चंद्रमा स्वराशि यानी कर्क में स्थित होता है। इसलिए धन-संपत्ति की खरीद के लिए इसे सबसे शुभ माना जाता है।
विशेषता
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति उदार, सहनशील और परोपकारी होते हैं। धर्म-कर्म में इनकी गहरी आस्था होती है। लेकिन बचपन में इन्हें काफी संघर्ष करना पड़ता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक धर्म परायण, धनवान, पंडित, ज्ञानी और शान्त स्वभाव के होते हैं। ये विचारशील होते हैं व प्रत्येक कार्यों में बुद्धि से काम लेते हैं। कई बार यह ठीक निर्णय न लेने के कारण कठिनाई में भी फंस जाते हैं।