धर्म डेस्क, इंदौर। 9 अगस्त को रक्षाबंधन है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते की डोर को मजबूत करता है। बहन भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उसके लंबी उम्र की कामना करती है। वहीं भाई बहन की जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है। बहन को भाई को राखी बांधते समय एक मंत्र का जाप करना चाहिए, जिससे दोनों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पौराणिक कथा में जिक्र है कि भगवान कृष्ण के हाथ से खून बह रहा था। उनको चोटिल देख द्रोपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी कलाई पर बांध दिया था, जिससे खून बहना बंद हो गया था। तब प्रभु ने द्रोपदी की रक्षा का वचन दिया था। उसके बाद रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा।
इस आर्टिकल में आपको राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में बताएंगे....
सनातन धर्म में आरती उतारने की प्रथा सदियों पुरानी है। यह बुरी नजर से बचाने के लिए उतारी जाती है। बहन अपने भाई की राखी बांधते समय आरती उतारती है, क्यों कि वह चाहती है कि उसको हर तरह की बुरी नजर से बचाना चाहती है।
भद्राकाल के समय राखी नहीं बांधी जाती है। भद्रा का समय 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से लेकर 9 अगस्त की सुबह 1 बजकर 52 मिनट तक का होगा। इसके खत्म होने के बाद राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आएगा। बहन भाई को राखी 9 अगस्त को सुबह 5 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक बांध सकते हैं।
'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:' इस मंत्र का जाप भाई को राखी बांधते समय करें।