धर्म डेस्क, इंदौर। Ratna Shastra: ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों और उनसे जुड़े रत्नों का विशेष महत्व बताया गया है। रत्न जातक का भाग्य बदलने का काम करते हैं। कुछ लोग शौक के तौर पर कोई भी रत्न धारण कर लेते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है। ज्योतिष दृष्टिकोण से रत्न को राशि के अनुसार पहनना चाहिए। ऐसा करने पर रत्न से फायदा नहीं बल्कि नुकसान हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह है। नीलम रत्न धारण करने पर व्यक्ति रंक से राजा बन सकता है। आइए आपको बताते हैं नीलम रत्न धारण करने के फायदे और नुकसान क्या है।
मकर और कुंभ राशि वालों के लिए नीलम रत्न शुभ होता है। इन दोनों राशियों का स्वामी ग्रह शनि है। अगर कुंडली में शनि नीच का हो तो नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम के साथ मूंगा, माणिक या मोती नहीं पहनना चाहिए।
नीलम रत्न से जातक को आर्थिक और मानसिक रूप से फायदा होता है। करियर या व्यापार में सफलता मिलती है। नीलम रत्न उन जातकों के लिए लाभकारी है जो अवसाद की समस्याओं से पीड़ित हैं। इस रत्न को पहनने से सोचने की क्षमता विकसित होती है।
अगर नीलम रत्न फायदेमंद नहीं है, तो इसे पहनने से आंखों से संबंधित समस्याएं हो सकती है। जातक को सिरदर्द और बेचैनी शुरू हो जाएगी। दुर्घटना का खतरा हो सकता है। यदि नीलम आपकी राशि के लिए उपयुक्त नहीं है तो घर, व्यापार और जीवन में नुकसान पहुंचा सकता है।
रत्न विशेषज्ञों के अनुसार, घर बैठे पता कर सकते हैं कि नीलम आपके लिए शुभ है या नहीं। इसके लिए 5 कैरेट का नीलम रत्न नीले कपड़े में बांध लें। फिर सोने से पहले अपने तकिये के नीचे रख लें। अगर रात्रि में अच्छे सपने आते हैं तो इसका अर्थ है रत्न आपके लिए अच्छा है। अगर डरावने सपने आ रहे हैं तो नीलम आपको नकारात्मक परिणाम देगा।
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