Ravan Kuldevi: रावण की कुलदेवी कौन थी? मेघनाथ ने युद्ध के दौरान किया था यज्ञ
रामायण में भगवान राम और रावण के बीच भीषण युद्ध में राक्षसों की हार हुई थी। मगर क्या आपको पता है कि रावण के बेटे मेघनाथ ने युद्ध के दौरान अपनी कुलदेवी की पूजा की थी? अपनी कुलदेवी की गहन साधना के कारण कई तरह की सिद्धियां प्राप्त करने वाला मेघनाद आखिर कैसे हार गया और कौन थीं रावण की कुलदेवी?
Publish Date: Tue, 01 Jul 2025 06:03:38 PM (IST)
Updated Date: Tue, 01 Jul 2025 06:03:38 PM (IST)
रावण की कुलदेवी कौन थी?धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रामायण में भगवान राम और रावण के बीच भीषण युद्ध में राक्षसों की हार हुई थी। मगर क्या आपको पता है कि रावण के बेटे मेघनाथ ने युद्ध के दौरान अपनी कुलदेवी की पूजा की थी? अपनी कुलदेवी की गहन साधना के कारण कई तरह की सिद्धियां प्राप्त करने वाला मेघनाद आखिर कैसे हार गया और कौन थीं रावण की कुलदेवी? आइए जानते है विस्तार से
कुलदेवी निकुंबला देवी के लिए तंत्र यज्ञ
पहले आपको बता दें कि रामायण के युद्ध के दौरान जब रावण पक्ष के कई योद्धा मार दिए गए तो रावण के मन में हार का डर पैदा हुआ। उसने अपने बेटे मेघनाथ को युद्ध के लिए भेजा। मेघनाथ ने लक्ष्मण जी से युद्ध किया। जब मेघनाथ पर सामने वाला पक्ष भारी पड़ रहा था तो उसने अपनी कुलदेवी निकुंबला देवी के लिए तंत्र यज्ञ किया। उस समय विभीषण ने हनुमान जी के द्वारा मेघनाथ के यज्ञ में बाधा उत्पन्न करवाई थी, जिससे यज्ञ भंग हो गया।
कौन थी देवी निकुंबला?
पुराणों की मानें तो देवी निकुंबला के प्रकट होने की कथा बहुत ही रोचक है। देवी निकुंबला को नारसिंही देवी और देवी प्रत्यंगिरा देवी के रूप में भी जाना जाता है। शिव पुराण व मार्कंडेय पुराण में वर्णित कथा के अनुसार शरभ अवतार और नरसिंह अवतार के बीच हुए भीषण युद्ध हुआ को रोकने के लिए सभी देवताओं ने मिलकर आदिशक्ति महामाया का आवाहन किया था। उसी वक्त देवी प्रत्यंगिरा प्रकट हुई थी।