Sawan 2022: बिहार में एक मंदिर है। जिसका नाम हरिहरनाथ स्वामी मंदिर है। माना जाता है कि शिवजी की सत्ता का अहसास आज भी यहां होता है। सारण जिले में स्थित सोनपुर में हरिहरनाथ बेहद प्राचीन मंदिर है। यहां विष्णु और महादेव की प्रतिमा एक साथ स्थापित है। इस कारण इसका नाम हरिहर नाथ रखा गया। यह पवित्र मंदिर गंगा-गंडक नदी के संगल स्थल पर है।
लगता है मेला
कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हरिहर क्षेत्र में गंडक नदी के किनारे श्रद्धालु स्नान करते हैं। सावन में इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। सावन के दिनों में यहां मेला लगता है। इस मंदिर की प्राचीनता और पौराणिकता भक्तों को यहां आने के लिए मजबूर करती है। पौराणिक कथा के अनुसार हाथी और मगरमच्छ की लड़ाई इसी नदी तट पर हुई थीं। यहां भगवान विष्णु के सुदर्शन ने ग्राह का सिर काटकर गजराज की रक्षा की थी।
श्रीराम ने कराया था निर्माण
मंदिर में विराजित शिवलिंग को लेकर मान्यता है कि इसे प्रभु श्रीराम ने स्थापित किया था। जब राम और लक्ष्मण अपने गुरुदेव विश्वामित्रजी के साथ मिथिला जा रहे थे। जब मार्ग में ही भगवान राम ने रुककर यहां शिवजी की पूजा की थी। शंकर ने उन्हें पहले ही सीता स्वयंवर का हाल बता दिया था। भविष्य की घटनाएं घटित हो सकें, इसके लिए शिव धनुष को उठाना जरूरी है। राम ने उनके धनुष को उठाने की आज्ञा मांगी थी। इस लिए प्रभु ने स्वयंवर में जाते समय इस स्थल का निर्माण किया था। गंगा और गंडक नदी के संगम पर स्थित यह मंदिर हिंदूओं की आस्था का केंद्र है। बाद में इस मंदिर का निर्माण राजा मान सिंह ने करवाया था।
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