धर्म डेस्क। भोपाल के चार इमली क्षेत्र में स्थित कांतेश्वर मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल, बल्कि एक आस्था और शक्ति का प्रतीक बन चुका है। यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना में कुछ ऐसा विशेष है जो हर श्रद्धालु को अद्भुत मानसिक शांति और गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करता है। यही कारण है कि यह मंदिर क्षेत्रवासियों का प्रिय स्थल ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए भी एक दिव्य तीर्थ बन चुका है। यह स्थल हर किसी को अपने जीवन के दुखों और समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है।
कांतेश्वर मंदिर की स्थापना लगभग पचास वर्ष पहले हुई थी। शुरुआत में यह स्थल एक साधारण पूजा स्थल था, लेकिन समय के साथ यहां की महिमा और प्रभाव का दायरा बढ़ता गया। वर्तमान में यह मंदिर केवल क्षेत्रवासियों का ही नहीं, बल्कि उन सभी श्रद्धालुओं का प्रिय स्थल बन चुका है जो जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और आस्था की तलाश में हैं। यहां पर भगवान शिव के अनुष्ठान और पूजा विधियों का विशेष महत्व है, जिन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है।
मंदिर में आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाओं को भगवान शिव के चरणों में नारियल अर्पित करते हैं, और यहां की पूजा विधियां अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती हैं। यह मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां नारियल अर्पित करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं। यहां की दिव्य ऊर्जा और शांति हर व्यक्ति को मानसिक संतुलन और शांति का अहसास कराती है। इस स्थान की विशेषता उसके चमत्कारी प्रभाव और आत्मिक शांति में निहित है।
पुजारी पंडित गुरु प्रसाद शुक्ला ने कहा कि कांतेश्वर मंदिर की पूजा विधि में एक अद्भुत शक्ति छुपी हुई है। यहां आने से हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है। इस स्थान की ऊर्जा हमें आत्मिक शांति प्रदान करती है। मंदिर की विशेष पूजा विधि और यहां की आस्था, इस स्थान के अद्वितीय प्रभाव को और भी बढ़ाते हैं।
सेवक अर्चित शुक्ला का कहना है कि मंदिर में आने वाले भक्तों का विश्वास और आस्था अत्यधिक मजबूत होता है। यहां पर हर कोई नारियल अर्पित करता है, और बाद में उसे खोलकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति का अनुभव करता है। इस मंदिर की शांति और दिव्यता में कुछ ऐसा है, जो दिल को छू जाता है और जीवन में एक नई ऊर्जा भरता है।