Sawan Somwar 2025: सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ेगा सावन का पहला सोमवार, इस दिन भोलेनाथ का पूजन है मंगलकारी
Achleshwar Mandir Gwalior: सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। इस दिन बड़ी संख्या में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए शिवालयों में जाएंगे। इसको ध्यान में रखते हुए शिवालयों में इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही है। चलिए, आपको बताते हैं कि इसको लेकर ग्वालियर में क्या तैयारी है।
Publish Date: Sun, 13 Jul 2025 11:42:36 AM (IST)
Updated Date: Sun, 13 Jul 2025 12:13:27 PM (IST)
अचलेश्वर मंदिर में उमड़ेगी भीड़(फाइल फोटो)HighLights
- पहले सोमवार को शिवालयों में जाएंगे बड़ी संख्या में भक्त।
- अचलेश्वर मंदिर में पहले सोमवार को लेकर तैयारियां जोरों पर।
- अचलनाथ के दर्शन के लिए 30 हजार भक्तों के आने की संभावना।
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। पहला सोमवार( First Somwar 2025) श्रावण मास के चौथे दिन, 14 जुलाई को पड़ेगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि प्रीति योग बनेगा, जिसे शुभ कार्यों और पूजा के लिए अत्यंत मंगलकारी माना जाता है। नगर के प्रमुख शिव मंदिरों और शिवालयों में पहले सोमवार की तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है। अचलेश्वर मंदिर(Achleshwar Mandir Gwalior) में भगवान अचलनाथ के चल-अभिषेक के लिए 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर संचालन समिति ने जिलाधीश और एसएसपी को पत्र लिखकर भीड़ नियंत्रण में मदद मांगी है। सोमवार को सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक कोई विशेष अभिषेक नहीं किया जाएगा। मंदिर के तीनों प्रमुख मार्गों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकासी के लिए बैरीकेट्स लगाए जा रहे हैं। नगर के प्राचीन कोटेश्वर शिवालय और गुप्तेश्वर मंदिर में भी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। शिव मंदिरों को आकर्षक विद्युत सजावट से सजाया गया है और मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहे हैं। इस वर्ष सावन के महीने में कुल चार सोमवार पड़ेंगे।
तीन मार्गों से श्रद्धालुओं का प्रवेश और निकासी
अचलेश्वर मंदिर के प्रबंधक राजेश पाराशर और लेखाधिकारी वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि पहले सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए मंदिर के तीन गेटों नंदी द्वार, एमएलबी कॉलेज मार्ग और त्रिशूल द्वार से श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकासी की व्यवस्था की गई है। सड़क की ओर बने बड़े गेट को बंद रखा जाएगा। इस गेट से श्रद्धालु बाहर से भगवान अचलनाथ को जल अर्पित करने के साथ दर्शन भी कर सकेंगे।
श्रद्धालु कतारबद्ध होकर दर्शन कर सकें, इसके लिए बैरीकेट्स लगाए जा रहे हैं। एक गेट केवल महिला श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। गर्भगृह के अंदर सेवादार और बाहर पुलिस की तैनाती रहेगी। सेवादार ही बेलपत्र और फूल चढ़ाने के साथ मंदिर की सफाई व्यवस्था संभालेंगे। श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था रोशनी घर रोड पर की गई है।
कोटेश्वर और गुप्तेश्वर मंदिरों में भी सुरक्षा के इंतजाम
नगर के प्राचीन कोटेश्वर और गुप्तेश्वर शिवालयों पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। दोनों मंदिर परिसरों में पुलिस द्वारा बैरीकेट्स लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सेवादार भी तैनात रहेंगे।
सावन – पुण्यदायिनी मास
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि सनातन धर्म में सावन को सबसे पुण्यदायी महीना माना गया है। मान्यता है कि इस माह भगवान शिव धरती पर विराजमान रहते हैं।
इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी मानी जाती है। सावन माह को भक्ति, व्रत और पुण्य का प्रतीक माना जाता है। शिवभक्त व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और विशेष पूजा-पाठ करते हैं। मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।