
Shani Dev: शनिदेव को कलयुग का दंडाधिकारी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुनर्जन्म और इस जन्म के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर शनिदेव फल प्रदान करते हैं। शनि न्यायाधीश माना जाते हैं इसलिए वे गलत कामों को करने वालों को कभी माफ नहीं करते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार शनि के पिता सूर्य हैं। और उन्होंने शनि की मां का अपमान कर दिया है। इससे क्रोधित होकर भगवान शनि ने भगवान शिव की तपस्या शुरू कर दी थी। तपस्या से प्रसन्न होकर शिव प्रकट होते हैं और वे शनिदेव को वरदान मांगने को कहते हैं। इस पर शनि वरदान के रूप में मांगते हैं कि वे अपने पिता से भी ज्यादा पूज्य बनना चाहते हैं। जिससे उनके पिता का अहंकार टूट जाए। भगवान शिव ने शनिदेव को नव ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ होने के साथ ही उन्हें पृथ्वी लोक का दंडाधिकारी होने का भी वरदान दिया।
शनि क्रूर होने के साथ-साथ शुभ फल भी देते हैं। शनि सदैव अशुभ फल प्रदान नहीं करते हैं। जब शनि शुभ होते हैं तो जीवन में अपार सफलता आती है। शनि को लेकर माना जाता है कि शनि देव उन्हीं लोगों को सबसे अधिक परेशान करते हैं जो दूसरों को परेशान करते हैं और नियमों का पालन नहीं करते हैं। जो लोग कमजोर हैं उनका शोषण करने वालों को शनि कभी माफ नहीं करते हैं। इसके साथ ही जो लोग दूसरों के धन का लोभ करते हैं। धन का प्रयोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं। शनि ऐसे लोगों को समय आने पर अत्याधिक कठोर दंड प्रदान करते हैं।
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