धर्म डेस्क। शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत 22 सितंबर (सोमवार) से हो रही है। इस पावन पर्व का पहला दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि श्रद्धापूर्वक मां की उपासना और मंत्र जाप करने से घर में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और शांति का वास होता है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना कर भक्त मां का स्वागत करते हैं। विशेष मंत्रों के माध्यम से उनका आह्वान करते हैं।
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है। माना जाता है कि उनके पूजन से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। भक्तों के करियर, स्वास्थ्य और परिवार में स्थिरता आती है। भक्तजन पूरे श्रद्धा भाव से मां का ध्यान और उपासना करते हैं।
नवरात्रि के पहले दिन सार्वत्रिक मंत्र "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" का जाप अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे जीवन की रुकावटें समाप्त होती हैं और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
"ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः" मूल मंत्र है। यदि साधक इस मंत्र का 108 बार जाप करता है, तो मां शैलपुत्री का विशेष आशीर्वाद मिलता है। करियर और जीवन में स्थिरता आने लगती है।
बीज मंत्र "ॐ ह्रीं शैलपुत्र्यै नमः" का जाप करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। वहीं ध्यान मंत्र "वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्..." का जाप करने से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।
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