शतभिषा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले आलसी तथा एकाकी कार्य करने को प्राथमिकता देते हैं। ये संगीत में विशेष रुचि रखते हैं।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Thu, 11 May 2023 10:14:34 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 May 2023 10:14:34 PM (IST)

Shatabhisha Nakshatra: नक्षत्रों में 24वां नक्षत्र है, शतभिषा। इसका स्वामी राहु है और यह कुंभ राशि के अंतर्गत आता है। इसका राशि स्वामी शनि है। शतभिषा को देवताओं का वैद्य भी माना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है, सौ वैद्य। इस नक्षत्र को शततारा भी कहते हैं यानी 100 तारों वाला नक्षत्र।शतभिषा का देवता है वरुण, जो बुद्धि प्रदाता है। इस नक्षत्र मंडल की मूल प्रेरक शक्ति है धर्म अर्थात गौरव या सिद्धांत। शतभिषा को वृत्ताकार माना है। एक ऐसा वृत, जो भीतर से रिक्त या शून्य हो।
जातकों की विशेषता
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है। इनका व्यक्तित्व राजसी होता है। इनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती। ये सामाजिक संस्कारों तथा विधि-विधान को नहीं मानने वाले होते हैं। ये जातक कृपालु, विदेशों में रहने की इच्छा रखने वाले तथा विलासी होते हैं। शतभिषा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों में अच्छे-बुरे गुण मिले-जुुले होते हैं। ये बद्धिमान, सच्चे प्रत्येक के प्रिय एवं उतम व्यवहार करने वाले भी होते हैं। ये ईमानदार भी होते हैं। इनके विचार स्वतन्त्र, मौलिक होते हैं। वे धैर्यवान भी होते हैं।