Shiv Khori Gufa धर्म डेस्क, इंदौर। जम्मू कश्मीर में रविवार को श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया। गोली चालक को लगी, जिसके बाद बस खाई में जा गिरी और 10 लोगों की मौत हो गई और 33 श्रद्धालु घायल हो गए। बता दें कि ये सभी श्रद्धालु शिव खोड़ी से भगवान शिव के दर्शन कर लौट रहे थे। यह पवित्र स्थान कहां स्थित है और इसका क्या धार्मिक महत्व है आपको यहां बताते हैं।
शिवखोड़ी धाम जम्मू के रयासी जिले में स्थित है। मान्यता है कि इस गुफा का निर्माण भगवान शिव ने किया था और इसे भाेलेनाथ का घर भी कहा जाता है। भगवान शिव यहां साक्षात विराजमान माने जाते हैं। इस गुफा के दो छोर है। जिसमें से एक छोर अमरनाथ गुफा की ओर खुलता है। पवित्र गुफा की लंबाई करीब डेढ़ सौ मीटर मानी जाती है। यहां चार फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है, जिस पर जल की धारा प्राकृतिक रूप से बहती रहती है। यहां माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय पिंडियों के रूप में विराजित है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने भस्मासुर नामक राक्षस से बचने के लिए इस गुफा का निर्माण किया था और जब तक भस्मासुर का अंत नहीं हो गया, तब तक भोलेनाथ इस गुफा में रहे।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भस्मासुर नाम का एक राक्षस था। जिसने भगवान शिव की घोर तपस्या कर यह वरदान प्राप्त कर लिया कि वह जिसके सिर पर भी हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा। यह वरदान प्राप्त करने के बाद भस्मासुर शिवजी को ही भस्म करने उनके पीछे दौड़ पड़ा। इसके बाद भगवान शिव और भस्मासुर के बीच घनघोर युद्ध हुआ। जिस स्थान पर दोनों के बीच युद्ध हुआ उसका नाम रणसु पड़ा।
भगवान शिव और भस्मासुर के बीच यह युद्ध लंबे समय तक चला। अभय वरदान देने के कारण भगवान शिव भस्मासुर का वध नहीं कर सकते थे। ऐसे में भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव किसी स्थान की तलाश करने लगे और बाद में उन्होंने पहाड़ों के बीच एक गुफा का निर्माण किया और उसमें छुप गए। इसी गुफा को शिवखोड़ी गुफा कहा जाता है।
भस्मासुर का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और भस्मासुर के पास जाकर वह उसके साथ नृत्य करने लगे। इस दौरान भस्मासुर सब कुछ भूल गया और उसने अपना हाथ अपने ही सिर पर रख दिया, जिससे उसका अंत हो गया और बाद में भगवान शिव इस गुफा से बाहर निकले। मान्यता है कि इस गुफा में भगवान शिव आज भी साक्षात रूप में विराजित है।
गुफा शिवखोड़ी जाने के लिए जम्मू अथवा कटरा से जाया जा सकता है। जम्मू से रणसू करीब 140 किलोमीटर दूर है, जबकि कटरा से इसकी दूरी 80 किलोमीटर है। रणसू से शिवखोड़ी जाने के लिए तीन से चार किलोमीटर तक चढ़ाई करनी पड़ती है।
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