धर्म डेस्क। भोपाल के लालघाटी में स्थित गुफा मंदिर न केवल एक धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह अपनी रहस्यमयी गुफाओं, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक विशेषताओं के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सावन मास, महाशिवरात्रि और नवरात्रि जैसे पर्वों पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सावन के सोमवारों पर जलाभिषेक की परंपरा विशेष रूप से महत्व रखती है।
गुफा मंदिर का इतिहास स्वामी संत नारायण दास त्यागी महाराज से जुड़ा है, जिन्होंने वर्ष 1949 में इस स्थान पर गुफाओं की खोज की थी। इन गुफाओं में उन्हें एक स्वयंभू शिवलिंग प्राप्त हुआ, जिस पर प्राकृतिक रूप से जल की बूंदें गिरती रहती हैं। इसके बाद उन्होंने यहां मंदिर की स्थापना की और इसे धार्मिक स्थल का स्वरूप दिया।
सात गुफाओं वाला यह मंदिर अद्भुत वास्तु का उदाहरण है। लालघाटी मंदिर परिसर में कुल सात प्राकृतिक गुफाएं हैं। मुख्य गुफा में शिवलिंग स्थापित है, और इसके गर्भगृह में वर्षभर जलाभिषेक होता रहता है। मंदिर के भीतर भगवान राम–लक्ष्मण–सीता, हनुमान, दुर्गा, राधा–कृष्ण सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं। परिसर में एक संस्कृत विद्यालय भी संचालित होता है। विशेष अवसरों पर यहां मेला लगता है।
सावन के महीने में इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना, रुद्राभिषेक, भजन-कीर्तन और यज्ञों का आयोजन किया जाता है। यहां भक्तों को शांति और आरोग्यता की अनुभूति होती है। यहां की गुफा और प्राकृतिक वातावरण मन को शांति देता है। सावन के सोमवार को विशेष अनुभव होता है।
स्वामी रामप्रवेशदेवाचार्य महाराज, श्री गुफ़ा मंदिर धाम
यहां हर सोमवार भक्तों की भीड़ उमड़ती है। शिवलिंग का जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन के महीने में दूर दूर से श्रृद्वालु यहां आते है। मंदिर प्रशासन श्रृद्वालुओं के सेवा में दिन रात लगा रहता है
पंडित लेखराज शर्मा ज्योतिषाचार्य गुफा मंदिर धाम