धर्म डेस्क, इंदौर। Shubh Yog in Kundli: ग्रहों की स्थिति और राशि परिवर्तन के कारण व्यक्ति की कुंडली में कई तरह योग बनते हैं। इनमें से कुछ योग हर व्यक्ति की कुंडली में बनते हैं और ज्योतिष के अनुसार, ये शुभ या अशुभ माने जाते हैं। वहीं, कुछ खास योग ऐसे हैं, जो यदि आपकी कुंडली में बने, तो समझ जाइए कि आपका जीवन सुखमय बीतने वाला है। इन योगों के बनने पर किसी भी व्यक्ति की किस्मत पलट सकती है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह केंद्र में मकर, मेष या वृश्चिक राशि में स्थित हो, तो व्यक्ति की कुंडली में रूचक योग बनता है। इस योग के बनने पर व्यक्ति धनवान बनता है। साथ ही हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में यह योग बनता है, तो उसके आय के कई स्त्रोत बनते हैं। इसके अलावा व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक लाभ भी मिलता है।
जब बुध ग्रह कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें घर में अपनी राशि यानी मिथुन या कन्या में स्थित होते हैं, तो व्यक्ति की कुंडली में भद्र योग बनता है। ज्योतिष शास्त्र में भी इस योग को एक शुभ योग माना जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आता है।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति लग्न या चंद्रमा से प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में कर्क, धनु या मीन राशि में हो, तो हंस योग बनता है। इस योग के बनने से साधक अपने जीवन में समृद्धि प्राप्त करता है। इसके अलावा जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग बनता है, वह व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा तरक्की करता है।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर में अपनी ही राशि यानी वृषभ और तुला में या उच्च राशि मीन में पाए जाते हैं, तो मालव्य योग बनता है। शुक्र को धन का ग्रह माना जाता है। ऐसे में यह योग बनने पर व्यक्ति को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यदि किसी की कुंडली में शनि लग्न या चंद्रमा से पहले चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में मकर, कुंभ या उच्च राशि तुला में स्थित हो, तो शश योग बनता है। इस योग के बनने पर व्यक्ति अपने जीवन में खूब सफलता प्राप्त करता है। साथ ही व्यक्ति का सम्मान भी बढ़ता है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'