इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। 15 दिसंबर को सूर्य के वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही धनुर्मास (खरमास) की शुरुआत हो जाएगी। इस समय के दौरान सूर्य के कमजोर होने के कारण मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा।
इसके बाद 16 दिसंबर से वेंकटेश मंदिरों में धनुर्मास उत्सव की शुरुआत होगी, जिसमें विशेष पूजा और आयोजन होंगे। सूर्य का धनु राशि में प्रवेश भगवान विष्णु के प्रिय धनुर्मास की शुरुआत को चिह्नित करता है। इस माह का विशेष धार्मिक महत्व है।
धनुर्मास के दौरान सूर्य के कमजोर होने के कारण इस समय में विवाह, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्यों को टाला जाता है। यह समय भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए बहुत खास होता है। इस अवधि में विशेष रूप से तिरुपवाई स्त्रोत पाठ, गोदाजी अर्चना और गुरु परम्परा पाठ के आयोजन किए जाते हैं। इस दौरान 11 जनवरी को गोदा-रंगनाथ विवाह उत्सव का आयोजन भी होगा।
16 दिसंबर से रामानुज संप्रदाय के वेंकटेश मंदिरों में धनुर्मास उत्सव की शुरुआत होगी। इस उत्सव के दौरान प्रतिदिन तिरुपवाई स्त्रोत पाठ, गोदाजी अर्चना, गुरू परम्परा पाठ और भजन-कीर्तन होंगे। 27वें दिन यानी 11 जनवरी को गोदा-रंगनाथ विवाह उत्सव मनाया जाएगा।
गुमाश्ता नगर स्थित तिरुपति बालाजी वेंकटेश देवस्थान में भी इस दौरान विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। ट्रस्टी पुरूषोत्तम पसारी और रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि यहां प्रतिदिन मनोहारी श्रृंगार, तिरुपवाई स्त्रोत पाठ, गोदा अर्चना और गुरु परम्परा पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को खिरान प्रसाद भी वितरित किया जाएगा। 11 जनवरी को गोदा-रंगनाथ विवाह उत्सव होगा।
गुमाश्ता नगर स्थित लक्ष्मी-वेंकटेश देवस्थान में स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य के सान्निध्य में उत्सव होगा। यहां सुबह वेंकटरमणा गोविंदा श्रीनिवास गोविंदा नाम-जप और परिक्रमा होगी। उसके बाद कुमकुम अर्चना और रात में महाआरती का आयोजन होगा।
यशवंतगंज स्थित रामानुजकोट मंदिर में भी धनुर्मास महोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर गादीस्थ रंगाचार्य महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन सुबह स्तोत्र पाठ और गोदादेवी की रचित श्रीतिरुपावै की गाथाओं का पाठ किया जाएगा।