Budh-Surya Vipreet Rajyog: वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के गोचर के साथ ही कुंडली में बननेवाले राजयोग का भी बड़ा महत्व होता है। इन राजयोगों का मानव जीवन और देश- दुनिया पर पर विशेष प्रभाव पड़ता है। जुलाई के महीने में बुध ग्रह ने मिथुन राशि में प्रवेश कर लिया है, जहां पहले से सूर्य ग्रह विराजमान हैं। जिससे बुधादित्य योग के साथ ही विपरीत राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष में विपरीत राजयोग को जीवन में अचानक और बड़ी सफलता देनेवाला माना जाता है। इस राजयोग का प्रभाव कई राशियों के जातकों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों को विशेष लाभ का योग न रहा है। लेकिन उससे पहले आइये जानते हैं कि विपरीत राजयोग क्या होता है।
इंदौर के पंडित चंद्रशेखर मलतारे केअनुसार जब किसी जातक की कुंडली में छठे, आठवें या बारहवें भाव का स्वामी, इन्हीं तीनों में से किसी एक भाव में स्थित हो तो इसे विपरीत राजयोग कहा जाता है। यानी जब षष्ठम का स्वामी आठवें या बारहवें भाव में हो, अष्टम का स्वामी छठे या द्वादश भाव में हो, या बारहवें का स्वामी छठे या आठवें भाव में हो, तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। विपरीत राजयोग में त्रिक भाव (छह, आठ, बारह भाव) और इनके स्वामियों की भूमिका अहम होती है। आइये जानते हैं मिथुन राशि में बन रहे विपरीत राजयोग से, किन राशियों को विशेष लाभ और उन्नति के योग बन रहे हैं।
इस राशि के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और द्वादश भाव में सूर्य के साथ बैठे हैं। आप लोगों के लिए विपरीत राजयोग शुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में विदेश से जुड़े कारोबार में मुनाफा मिल सकता है। बैंकिंग, निवेश, आयात-निर्यात से जुड़े लोगों को विशेष लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। सूर्य के प्रभाव से आपको अपने कार्यक्षेत्र में सम्मान मिलेगा और रुके हुए काम पूरे होंगे। विदेश में शिक्षा के लिए जानेवाले छात्रों को कामयाबी मिल सकती है। इस दौरान आपके व्यापार में वृद्धि होगी।
इस राशि के आठवें भाव में विपरीत राजयोग बन रहा है। गोचर कुंडली में बुध एकादश और अष्टम भाव के स्वामी होकर अष्टम भाव में स्थित हैं। इनके साथ सूर्य के होने से इनका असर और बढ़ जाएगा। इस दौरान आपकी सेहत अच्छी रहेगी और पुरानी बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। दशमेश सूर्य के अष्टम भाव में जाने से नौकरी-व्यवसाय में आकस्मिक धन आगमन के योग बन रहे हैं। इस अवधि में आपकी अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी। साथ ही रिसर्च या छानबीन से जुड़े लोगों को फायदा होगा।
विपरीत राजयोग मकर राशि के जातकों को शुभ फलदायी साबित हो सकता है। क्योंकि आपकी गोचर कुंडली में बुध ग्रह छठे और नवम भाव के स्वामी हैं। साथ ही वह छठे भाव में ही स्थित हैं। इसके साथ ही अष्टमेश सूर्य छठे भाव में मौजूद हैं। इस तरह प्रबल राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस समय आपको कोर्ट- कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। साथ ही साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। वहीं आप इस समय कर्जा चुकाने में सफल रहेंगे। सेहत में सुधार होगा और साथ ही शत्रुओं पर आपको विजय मिलेगी।
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