रावण के ससुराल मंदसौर में है कुबेर मंदिर, धनतेरस पर दर्शन के लिए लगेगा श्रद्धालुओं का तांता
Kuber Temple: देशभर में केवल दो ही जगह ऐसी हैं, जहां शिव पंचायत में धन के देवता कुबेर भी विराजित हैं। इसमें पहला हिमालय की गोद में बसा केदारनाथ धाम है और दूसरा मंदसौर। मंदसौर वह जगह है जहां रावण को जमाई माना जाता है और उनके सौतेले भाई धन के देवता कुबेर को भी पूजा जा रहा है।
Publish Date: Fri, 17 Oct 2025 07:22:35 PM (IST)
Updated Date: Fri, 17 Oct 2025 07:25:26 PM (IST)
रावण के ससुराल मंदसौर में है कुबेर मंदिरHighLights
- अलसुबह से लोग पहुंचेंगे भगवान कुबेर की पूजा करने
- मंदसौर में रावण को माना जाता है जमाई राज
- आधी रात तक लगा रहेगा श्रद्धालुओं का तांता
नईदुनिया प्रतिनिधि, मंदसौर। देशभर में केवल दो ही जगह ऐसी हैं, जहां शिव पंचायत में धन के देवता कुबेर भी विराजित हैं। इसमें पहला हिमालय की गोद में बसा केदारनाथ धाम है और दूसरा मंदसौर। मंदसौर के खिलचीपुरा क्षेत्र में श्री धौलागढ़ महादेव मंदिर में शिव पंचायत के साथ भगवान कुबेर भी विराजित हैं।
मंदसौर में रावण को माना जाता है जमाई राज
मंदसौर वह जगह है जहां रावण को जमाई माना जाता है और उनके सौतेले भाई धन के देवता कुबेर को भी पूजा जा रहा है। मंदिर में धनतेरस पर 18 अक्टूबर को सुबह से ही माथा टेकने नेता, प्रभावशाली लोग और अफसर भी आएंगे। श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर से महज एक किमी दूरी स्थित खिलचीपुरा में लगभग 1200 वर्ष पुराने धौलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान कुबेर की मूर्ति के दर्शन के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो जाएंगे।
आधी रात तक लगा रहेगा श्रद्धालुओं का तांता
ब्रह्म मुहूर्त से आने वाले श्रद्धालुओं का तांता आधी रात तक लगा रहेगा। देर रात हवन की पूर्णाहुति होगी। सुबह चार बजे से विशेष अनुष्ठान के तहत महाभिषेक, हवन व पूजन प्रारंभ होगा। अभिषेक के बाद भगवान का आकर्षक शृंगार किया जाएगा। इसके बाद हवन प्रारंभ होगा।