धर्म डेस्क, इंदौर। ज्योतिषीय मान्यताओं और पंचांग गणना के अनुसार इस वर्ष 4 जुलाई को भड्डाली नवमी के दिन मांगलिक कार्यों का अंतिम शुभ अवसर रहेगा। इसके बाद 6 जुलाई से देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास का आरंभ हो जाएगा, जिसके चलते विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और यज्ञोपवीत जैसे शुभ कार्यों पर चार माह की धार्मिक रोक लग जाएगी। यह प्रतिबंध 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी तक प्रभावी रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार 4 जुलाई को गुप्त नवरात्र की महानवमी है, जो मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी गई है। उसके बाद चातुर्मास का आरंभ होते ही वैदिक परंपरा के अनुसार शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। इस अवधि में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। साधक तप, संयम, उपासना और तीर्थव्रत जैसे धार्मिक कार्यों में प्रवृत्त रहते हैं।
गुप्त नवरात्र की पूर्णाहुति के रूप में 4 जुलाई को शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में विशेष हवन और अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालु मां दुर्गा की आराधना के साथ नौ दिन की साधना को पूर्ण करेंगे। उसके साथ ही मांगलिक गतिविधियों पर विराम लग जाएगा। चार महीनों तक व्रत, पर्व और साधना की परंपरा का क्रम आरंभ होगा। चातुर्मास में राखी, जन्माष्टमी, गणेश स्थापना, पितृपक्ष, शारदीय नवरात्र, दशहरा और दीपावली जैसे प्रमुख पर्व मनाए जाएंगे।
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