Turquoise: इस रत्‍न को टरक्‍वाइज स्‍टोन भी कहा जाता है। इसे संस्कृत में पेरोज अथवा हरिताश्म भी कहते हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फिरोजा रत्न का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। इसीलिए इसे बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए या जिसकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होते हैं, तो उन्हें मजबूत करने के लिए धारण किया जाता है। धनु और मीन राशि के लोगों के लिए फिरोजा रत्न ज्यादा शुभ माना जाता है। वैसे मेष, सिंह, कर्क और वृश्चिक राशि के जातक भी इसे धारण कर सकते हैं।

ज्योतिष में महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गहरे आसमानी रंग के फिरोजा रत्न को धारण करने से बृहस्पति ग्रह को मजबूती मिलती है। लंबे समय से नौकरी और व्यापार में अड़चन का सामना कर रहे जातकों को फिरोजा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। फिरोजा रत्न धारण करने वाले व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु के दुष्प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है। फिरोजा रत्न को सोने या तांबे की धातु में अंगूठी बनवा कर पहना जाता है। इसे गुरुवार और शुक्रवार के दिन धारण करना सबसे अच्छा माना गया है।

Posted By: Shailendra Kumar

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