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धर्म डेस्क: धर्म नगरी उज्जैन अपने प्राचीन मंदिरों और आध्यात्मिक माहौल के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Ujjain Mahakal Mandir) उज्जैन में स्थित है। इसी कारण उज्जैन को महाकाल की नगरी भी कहा जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु न सिर्फ धार्मिक वातावरण का अनुभव करते हैं, बल्कि उन चमत्कारी मान्यताओं के साक्षी भी बनते हैं जिनसे ये मंदिर (Ujjain Famous Temple) जुड़े हुए हैं।

यदि आप उज्जैन घूमने का मन बना रहे हैं, तो यहां के कुछ प्रमुख मंदिरों के दर्शन अवश्य करें, जिनके प्रति लोगों में गहरी आस्था है और जिनसे संबंधित विभिन्न धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं। उज्जैन में महाकालेश्वर के साथ ही और भी कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें भक्तों की गहरी आस्था है। चलिए जानते हैं इन खास मंदिरों के बारे में।

महाकाल मंदिर के निकट स्थित हरसिद्धि माता मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और अपनी शक्ति और सिद्धि के लिए अत्यंत प्रसिद्ध है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी स्थल पर माता सती की कोहनी गिरी थी, जिसके कारण यह स्थान शक्ति उपासना का एक प्रमुख केंद्र बन गया। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां देवी की पूजा करने से उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

उज्जैन से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित श्री चिंतामन गणेश मंदिर क्षेत्र के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां स्थापित गणेश जी की मूर्ति को स्वयंभू माना जाता है, जिसके कारण इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। विशेष रूप से विवाह का आमंत्रण पत्र सबसे पहले चिंतामन गणेश के चरणों में अर्पित करने की परंपरा आज भी निभाई जाती है। यह मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से साधक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन की चिंताएं समाप्त हो जाती हैं।

उज्जैन की क्षिप्रा नदी के किनारे बसे भैरवगढ़ क्षेत्र में स्थित भगवान कालभैरव का मंदिर अपने चमत्कारों के कारण अत्यंत प्रसिद्ध है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भगवान कालभैरव को शराब का भोग लगाया जाता है। भक्तों के अनुसार, जिस पात्र में मदिरा अर्पित की जाती है, वह अपने आप खाली हो जाता है। आज तक यह रहस्य नहीं सुलझ पाया है कि यह मदिरा कहां जाती है, और यही चमत्कार प्रतिदिन हजारों भक्तों को यहां खींच लाता है।

उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर ग्रह मंगल के जन्म स्थान के रूप में प्रसिद्ध है। मत्स्य पुराण में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, वे विशेष पूजा-अर्चना के लिए यहां अवश्य आते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में की गई पूजा से मांगलिक दोष शांत होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसी कारण प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं।
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