उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
इस नक्षत्र की स्त्री जातक विनम्र होती है, यह अच्छी पढ़ी-लिखी होती है तथा नौकरी में अच्छा पद हासिल करती है।
By Shailendra Kumar
Edited By: Shailendra Kumar
Publish Date: Sat, 06 May 2023 08:35:41 PM (IST)
Updated Date: Sat, 06 May 2023 08:35:41 PM (IST)

Uttarashada Nakshatra: आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों की श्रेणी में उत्तराषाढ़ा 21वां नक्षत्र है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र शुभ नक्षत्रों की श्रेणी में आता है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी स्वयं सूर्यदेव हैं, जो अपनी ऊर्जा से पूरे ब्रह्मांड को प्रकाशित करते हैं। दस विश्वदेवों को उत्तराषाढ़ा का अधिपति देवता माना गया है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का चिन्ह हाथी के दांत को माना जाता है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का अर्थ होता है, उत्तरार्ध अपराजेय यानी यानी अंतिम समय में विजय पानेवाला।
जातकों की विशेषता
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोगों की किस्मत सूर्य के भांति चमकती है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक सुन्दर होते हैं तथा उनका व्यक्तित्व बढ़िया होता है। ये जातक सुखी, शूरवीर, विजेता, नम्र, एवं बहुत मित्रों वाले होते हैं। ये शान्त, विनम्र, धार्मिक होते हैं। ये ऊँचे विचारों वाले होते हैं। ये कम खर्चीले तथा किसी के दबाव में न आने वाले होते हैं। ये प्रत्येक बात को तर्क की कसौटी पर परखते हैं। इन जातकों को अनायास धन लाभ होता है। पत्नी-पति स्वभाव के अन्तर के कारण कई बार पारिवारिक जीवन अशान्त हो जाता है।