
धर्म डेस्क: दीवार घड़ी केवल समय देखने का साधन नहीं है, बल्कि यह घर की सुंदरता और ऊर्जा को भी प्रभावित करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घड़ी को सही दिशा और स्थान पर लगाया जाए, तो इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। वहीं गलत दिशा या अनुचित स्थान पर घड़ी लगाने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिसका असर मानसिक स्थिति, करियर और पारिवारिक रिश्तों पर भी पड़ सकता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार दीवार घड़ी को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ माना गया है। उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है, जबकि पूर्व दिशा उगते सूर्य और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी है। इन दिशाओं में घड़ी लगाने से समय के साथ तरक्की और सकारात्मक परिणाम मिलने की मान्यता है।
वास्तु मान्यताओं के अनुसार दक्षिण दिशा में दीवार घड़ी लगाना अशुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है, जिससे कार्यों में रुकावट, करियर में बाधा और रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
ड्राइंग रूम में पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में पेंडुलम वाली घड़ी लगाना शुभ होता है। बेडरूम में घड़ी को न तो बिस्तर के ठीक सामने लगाएं और न ही सिर के पीछे। इसके अलावा घड़ी के सामने आईना नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजे के ऊपर घड़ी लगाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे घर के वातावरण में अस्थिरता आ सकती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।