हम घर के बाहर इसलिए लिखते हैं शुभ और लाभ
भगवान गणेश की दो पत्नी 'रिद्धि-सिद्धि' और दो पुत्र 'शुभ और लाभ' हैं।
By
Edited By:
Publish Date: Sat, 19 Sep 2015 09:55:51 AM (IST)
Updated Date: Mon, 21 Sep 2015 05:49:35 PM (IST)

भगवान गणेश की दो पत्नी 'रिद्धि-सिद्धि' और दो पुत्र 'शुभ और लाभ' हैं। गणेशजी के पुत्रों के नाम हम 'स्वास्तिक' के दाएं-बाएं लिखते हैं। घर के मुख्य दरवाजे पर हम 'स्वास्तिक' मुख्य द्वार के ऊपर मध्य में और शुभ और लाभ बायीं तरफ लिखते हैं।
ऐसा करने के पीछे एक पौराणिक मत है। हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान गणेश जी को देवों में सर्वप्रथम पूज्य 'बुद्धि का देवता' हैं। 'स्वास्तिक' बुद्धि को प्रस्तुत करने का पवित्र चिन्ह है।
पढ़ें:यहां भक्त भेजते हैं बाप्पा को पत्र पूरी होती है मनोकामना
स्वास्तिक की दोनों अलग-अलग रेखाएं गणपति जी की पत्नी रिद्धि-सिद्धि को दर्शाती हैं। रिद्धि शब्द का अर्थ है 'बुद्धि' जिसे का हिंदी में शुभ कहते हैं। ठीक इसी तरह सिद्धी इस शब्द का अर्थ होता है 'आध्यात्मिक शक्ति' की पूर्णता यानी 'लाभ'।
पढ़ें: विदुर कौन थे? महाभारत के लेखक श्री गणेश जी ने किया है उल्लेख
घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, शुभ और लाभ इन्हीं शक्तियों को दर्शाते हैं। इसे हम इस तरह भी समझ सकते हैं...
गणेश (बुद्धि) + रिद्धि (ज्ञान) = शुभ।
गणेश (बुद्धि) + सिद्धि (अध्यात्मिक स्वतंत्रता) = लाभ।
यही कारण है कि हमें घर के मुख्य द्वार पर शुभ और लाभ लिखना चाहिए। क्योंकि देवों में सर्वप्रथम पूज्य गणेश जी हैं। उनका पवित्र चिन्ह स्वास्तिक और शुभ लाभ घर के द्वार पर होने से घर में अच्छाईयों का प्रवेश होता है और बुराईयों आपके घर के अंदर प्रवेश नहीं करती हैं।