धर्म डेस्क, नईदुनिया। अपराजिता, जिसे विष्णुकांता या शंकरपुष्पी भी कहा जाता है, एक सुंदर और महत्वपूर्ण पौधा है, जिसे घर में सुख-शांति और धन-समृद्धि लाने के लिए उगाया जाता है। यह पौधा विशेष रूप से वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता है। सफेद अपराजिता के फूल भगवान विष्णु और शिवजी को बहुत प्रिय होते हैं। अपराजिता नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला माना जाता है।
अपराजिता के फूलों को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। इन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है और भगवान विष्णु के प्रिय फूलों में से एक है। पूजा में इनका उपयोग घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए भी इस फूल का उपयोग किया जाता है।
वैसे तो नीले और श्वेत रंग के फूल वाले अपराजिता का विशेष महत्व है, लेकिन सफेद अपराजिता का पौधा न केवल लान की सजावट के लिए उपयुक्त है, बल्कि इसे धनलक्ष्मी को आकर्षित करने वाला भी माना जाता है। इसके फूलों को श्वेत अपराजिता, भगवान विष्णु और शिवजी को प्रिय होने के कारण विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है।
सफेद अपराजिता के पौधे को घर के मुख्य द्वार के दाईं तरफ या घर के कोने में लगाया जा सकता है। स्वस्थ और अच्छी तरह से बढ़ाने के लिए इसे सही स्थान, हल्की अम्लीय मिट्टी, नियमित पानी, 6-8 घंटे धूप और संतुलित उर्वरक की आवश्यकता होती है।
यह पौधा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि इसके पोषक तत्व भी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके फूलों में मौजूद तत्व दिल की बीमारियों का खतरा कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, इसके सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और ओवरईटिंग को नियंत्रित करता है।
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