भगवान शिव को बेलपत्र इतना पसंद क्यों है? शिवपुराण में खुद बताया इसका महत्व
सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपार पुण्य प्रदान करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के बराबर फल मिलता है। यह माता पार्वती के रूप का भी प्रतीक माना जाता है।
Publish Date: Fri, 11 Jul 2025 02:51:12 PM (IST)
Updated Date: Fri, 11 Jul 2025 02:51:12 PM (IST)
बेलपत्र अर्पित करने मात्र से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। (फाइल फोटो)HighLights
- सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना फलदायी
- बेलपत्र से मिलता है करोड़ों पुण्य का फल
- विषपान के बाद शिव को अर्पित हुआ बेलपत्र
धर्म डेस्क, इंदौर। Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और कृपा पाने का सबसे उत्तम समय होता है। यह महीना महादेव को अर्पित है। इसमें शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। इस पावन महीने में जल और बेलपत्र अर्पित करने मात्र से भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
भगवान शिव की पूजा में क्यों जरूरी है बेलपत्र?
- भगवान शिव को ‘भोलेनाथ’ कहा जाता है, क्योंकि वे कम प्रयास से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर केवल बेलपत्र और जल चढ़ाने से ही व्यक्ति को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है।
- शिव पुराण के अनुसार जो व्यक्ति श्रद्धा से शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करता है, उसे एक करोड़ कन्यादान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। यह भी कहा गया है कि समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, तब उनकी पीड़ा को शांत करने के लिए देवी-देवताओं ने उन्हें बेलपत्र और जल अर्पित किया था।
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पौराणिक कथाएं
- एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के हृदय में स्थान पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी। उन्होंने करोड़ों बेलपत्र से शिव की आराधना की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें ‘हरिप्रिया’ बनने का वरदान दिया।
- शिव ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति बेलपत्र की मिट्टी से बने पार्थिव शिवलिंग की पूजा करेगा, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी।
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बेल के वृक्ष में देवी का वास
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेल के पेड़ की जड़ में गिरिजा, तनों में माहेश्वरी, शाखाओं में दक्षिणायनी और पत्तियों में मां पार्वती का वास होता है, इसलिए बेलपत्र को पवित्र माना जाता है। शिवलिंग पर अर्पण करने से माता पार्वती की भी कृपा प्राप्त होती है।
पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती के पसीने की बूंद से ही बेल का वृक्ष उत्पन्न हुआ था, जिससे इस पेड़ को विशेष दिव्यता प्राप्त है। अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।