Chanakya Niti: विद्वान लोगों में जरूर होना चाहिए ये गुण, आचार्य चाणक्य की ज्ञानियों को सीख
Chanakya Niti मनुष्य जो भी कार्य करे, वह उसकी शक्ति के अनुरूप होना चाहिए।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Wed, 12 Jul 2023 12:01:24 PM (IST)
Updated Date: Wed, 12 Jul 2023 09:29:21 PM (IST)
Chanakya Niti Chanakya Niti। आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र आज सदियां बीत जाने के बाद भी लोगों को मार्गदर्शन दे रहा है। आचार्य ने जीवन में व्यक्ति के व्यवहार, विचार और विकट परिस्थितियों को लेकर विस्तार से चाणक्य नीति में जिक्र किया है। आचार्य चाणक्य ने बताया कि विद्वान व्यक्ति में कुछ गुण होना बेहद जरूरी है क्योंकि ये गुण नहीं होने पर उसके ज्ञानी होने के बाद भी लोग सम्मान नहीं करते हैं।
व्यवहार में जरूर लाएं गंभीरता
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि व्यक्ति गंभीर नहीं है तो उसके विद्वान् के बावजूद भी लोग उसे प्रतिष्ठा की दृष्टि से नही देखते हैं। विद्वान् और योग्य व्यक्तियों को कुछ गंभीर जरूर होना चाहिए। यदि वह गंभीर नहीं रहता तो लोग उसका उतना सम्मान नहीं करते जितने सम्मान का वह अधिकारी होता है। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो व्यक्ति को अपना सम्मान बनाए रखने के लिए करनी पड़ती है, भले ही उन बातों का कोई विशेष लाभ न हो।
साथ ही आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मनुष्य हर समय गंभीर भी नहीं बनना चाहता, उसे अपने मित्रों, बन्धु बान्धवों से खुलकर बात करनी पड़ती है। इसलिए विद्वान मनुष्य का कर्तव्य है कि वह समय, परिस्थितियों और जन-समुदाय को देखकर गंभीरता अथवा सामान्य स्थिति का रुख अपनाये।
सामर्थ्य के अनुसार ही करें कार्य
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि मनुष्य जो भी कार्य करे, वह उसकी शक्ति के अनुरूप होना चाहिए। यदि वह अपनी शक्ति से अधिक कार्यभार संभाल लेगा तो वह जल्दी ही थकावट अनुभव करने लगेगा। अधिक थकावट से मनुष्य के शरीर में तनाव पैदा होता है। तनाव स्वयं में एक रोग है, इस कारण हर इंसान को उतना ही कार्य करने का दायित्व लेना चाहिए, जितना वह सफलतापूर्वक निभा सके।
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