धर्म डेस्क, इंदौर। Lord Vishnu: हिंदू धर्म संस्कृति, मान्यताएं बहुत प्रचलित हैं। यहां सभी देवी-देवताओं की पूजा का अपना विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि उनकी पूजा करने से बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में क्यों निवास करते हैं। आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री हरि, जिन्हें ब्रह्मांड का पालनकर्ता कहा जाता है, क्षीर सागर में रहते हैं और इसमें निवास करना यह दर्शाता है कि वह विनाश के बाद ब्रह्मांड का पुनर्निर्माण करते हैं। इस दिव्य सागर में विश्राम करते हुए भगवान विष्णु बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक हैं। भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की उत्पत्ति क्षीर सागर में ही हुई थी।
साथ ही उनका शेषनाग की शैया पर बैठना यह दर्शाता है कि किस तरह नारायण हर स्थिति में एक समान रहते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों को हर लेते हैं। साथ ही देवी लक्ष्मी भी उनके साथ क्षीर सागर में निवास करती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त क्षीर सागर में निवास करने वाले भगवान विष्णु के स्वरूप की पूजा करते हैं, उनके जीवन से दुखों का अंत हो जाता है। साथ ही उनके घर में देवी लक्ष्मी सदैव वास करती हैं और ऐसे घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता है।
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