मल्टीमीडिया डेस्क। 19 जनवरी को ओशो की 33वीं पुण्यतिथि है। अस्सी के दशक में अमेरिका के ओरेगान में ओशो का रेंच रजनीशपुरम अमेरिका सहित विश्वभर के पत्रकारों, नेताओं व पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र था। यहां आने वाले हर विजिटर जर्नलिस्ट की ओशो का इंटरव्यू करने की इच्छा रहती थी। ओशो सभी के सवालों का विस्तार से जवाब दिया करते थे। रोज शाम को यह क्रम चलता।
यह साक्षात्कार एक से ढाई घंटे की अवधि के होते थे। इन साक्षात्कारों में विश्व प्रेस के पत्रकार उनसे अनेक विषयों पर सवाल पूछते। शाम के सत्र में आने का ओशो का तरीका भी रोचक होता था। वे अपनी रॉल्स रॉयस से बाहर निकलते और धीरे-धीरे झूमना शुरू कर देते।
संन्यासियों के नृत्य और पार्श्व संगीत के बीच स्वयं झूमते हुए वे हॉल में प्रवेश करते। प्रवचन या साक्षात्कार पूरा होने के बाद वे उसी तरह नाचते हुए विदा होते। ऐसा ही एक रोचक किस्सा है अमेरिकी टेलीविजन और रेडियो ब्रॉडकास्टिंग जर्नलिस्ट माइक वॉफ का, जिन्होंने ओशो का इंटरव्यू किया तो रोचक क्षण बन गया।
बातों-बातों में ओशो ने मज़ाकिया लहजे में माइक को अपने बाथरूम में आने का आमंत्रण दे डाला। गंभीर बातों के बीच अचानक यह जि़क्र छिड़ने से माइक भी हैरत में आ गए। ओशो ने कहा कि मेरा बाथरूम अत्याधुनिक है। यहां गर्म पानी का शॉवर है, ठंडे पानी का शॉवर है, इंज्वाय करना हो तो मेरे बाथरूम में आओ, मैं तुम्हें इनवाइट करता हूं।
जब पत्रकार ने कहा कि मुझे इससे पहले आज तक कभी ऐसा आमंत्रण नहीं मिला है तो ओशो ने हाजिर-जवाबी से कहा कि, मुझे आज तक कोई व्यक्ति इतना पसंद नहीं आया जितने तुम आए। यह सुनकर पत्रकार सहित हॉल में मौजूद सारे लोग गुदगुदाकर हंस पड़े। देखिये यह रोचक साक्षात्कार।