सनातन धर्म में वास्तु देवता का एक प्रमुख स्थान होता है। वास्तु के अनुसार ही सभी प्रकार के निर्माण कार्य किए जाते हैं। घर में रखी प्रत्येक चीज का वास्तु से संबंध होता है। वास्तु दोष के कारण नकारात्मक ऊर्जा भी पैदा होती है। जिसका घर के सभी सदस्यों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पर्दे घर की सुंदरता को बढ़ाते हैं। लेकिन इन्हें वास्तु नियमों के अनुसार न लगाए जाए तो वास्तु दोष बनता है। वास्तु शास्त्र में घर के पर्दों से जुड़े कुछ खास नियम बनाए गए हैं। पर्दों से जुड़े वास्तु के इन नियमों का पालन न करने से नुकसान भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि घर के किस कमरे में कैसा पर्दा लगाना चाहिए।
घर के मुखिया के कमरे में सभी प्रकार के पर्दे नीले, भूरे या फिर नारंगी रंग के होना चाहिए। इससे मुखिया का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इस रंग के प्रभाव से घर के सदस्यों की उन्नति होती है।
घर में मेहमानों के कक्ष में बादामी या क्रीम रंग के पर्दे लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे घर में रौनक बनी रहती है और सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
बेडरूम में लाल, बैंगनी या फिर गुलाबी रंग के पर्दे लगाने चाहिए। यह रंग वैवाहिक जोड़ों के लिए शुभ माना जाता है। इस रंग के पर्दों से दाम्पत्य जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही पति-पत्नी के बीच रोमांस बढ़ता है।
घर के जिस कमरे में बच्चे अध्ययन करते हैं। वहां, हरे, नीले या फिर गुलाबी रंग के पर्दे लगाना चाहिए। ये रंग शांति और आरोग्यता के सूचक माने जाते हैं। इससे बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और उनका मन पढ़ाई में लगता है।
घर का सबसे पवित्र स्थान पूजा घर ही होता है। पूजा कक्ष में पर्दे हमेशा नारंगी या फिर हल्के पीले रंग के लगाने चाहिए। ये दोनों ही रंग शुद्धता के प्रतीक माने जाते हैं। इस रंग के पर्दे लगाने से पूरे घर में सात्विक माहौल बना रहता है।
अगर आपके घर में घर के सदस्यों के बीच अक्सर कलह रहती है या फिर उनकी आपस में नहीं बनती है तो आप अपने घर की दक्षिण दिशा में लाल रंग के पर्दे लगाएं। इससे आपके घर के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ेगा और आपसी रिश्ते भी मजबूत होंगे। अगर आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो अपने घर की उत्तर दिशा में नीले रंग का पर्दा लगांए। इससे आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगेगी।