Benefits of Reciting Vishnu Sahastranam: विष्णु सहस्रनाम एक प्राचीन स्तोत्र है। जिसका शाब्दिक अर्थ भगवान विष्णु के एक हजार नामों से है। भगवान नारायण को समर्पित इस पाठ को संस्कृत के विद्वान ऋषि व्यास द्वारा लिखा गया है। महाकाव्य महाभारत के एक भाग के रूप में विष्णु सहस्रनाम है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु को इस सृष्टि का संचालक माना गया है। वहीं गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है। वहीं मान्यता है कि हर गुरुवार को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन सहज हो जाता है और उसके सभी पापों का नाश होता है। शास्त्रों के अनुसार विष्णु सहस्रनाम का पाठ विष्णु जी के एक हजार नामों का संकलन है। आइये जानते हैं इस पाठ को करने से होने वाले लाभ।
विष्णु सहस्रनाम का नियमित पाठ करने से अविवाहितों का शीघ्र विवाह होता है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
यदि व्यक्ति को बुध से संबंधित कोई समस्या है या बृहस्पति से परेशानी है तो नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम पाठ करें।
विष्णु सहस्रनाम में दिए गए अद्भुत श्लोक से हर ग्रह, नक्षत्र को नियंत्रित किया जा सकता है।
बृहस्पति की पीड़ा दूर करने के लिए विष्णु सहस्रनाम पाठ करना अति फलदायी साबित होता है।
यदि बुध भी आपको परेशान करे तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ आपके लिए अचूक होता है।
ऐसे जातक जिनकी कुंडली में गुरु नीच का हो या राहु के साथ विराजमान हो उन्हें विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए।
यदि कुंडली में गुरु 6, 7 या 12 में हो तब भी इसका पाठ करने की सलाह दी जाती है।
विष्णु सहस्रनाम के नियमित पाठ से वित्तीय परेशानियां ख़त्म होती हैं और आपके लिए धन के मार्ग खुलते हैं।
विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ने से मन शांत रहता है। घर में संतानहीनता से पीड़ित लोगों को प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
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