
धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि नियमित अभिषेक से जीवन के संकट दूर होते हैं और महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप नए साल पर घर में सुख-समृद्धि और पॉजिटिव एनर्जी के लिए शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं, तो वास्तु के इन नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शिवलिंग स्थापित करने के लिए उत्तर (North) या उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा सबसे शुभ है। यह देवताओं की दिशा मानी जाती है। शिवलिंग को इस प्रकार रखें कि उसकी जलाधारी का मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रहे। इससे घर में सुख-शांति आती है और रुके हुए काम पूरे होते हैं।
घर के मंदिर में कभी भी एक से अधिक शिवलिंग नहीं रखने चाहिए। वास्तु के अनुसार, एक से ज्यादा शिवलिंग होने पर घर की ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे अशांति पैदा होने की संभावना रहती है।
अभिषेक के लिए हमेशा चांदी, पीतल या मिट्टी के पात्र का उपयोग करें।
शिवलिंग को कभी भी गंदे हाथों से स्पर्श न करें। शुद्ध होकर ही पूजा स्थल में प्रवेश करें।
शिव पूजा के दौरान काले कपड़े पहनने से बचें।
अभिषेक करते समय 'ॐ नमः शिवाय' या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और मन में किसी के प्रति द्वेष न रखें।
अस्वीकरण- इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।