Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रही है। मां दुर्गा के आराधना का पर्व 11 अप्रैल तक चलेगा। नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। कई भक्त नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि में इसका पाठ करना फलदायी होता है। दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण पाठ करने में लगभग 3 घंटे का समय लगया है। हालांकि कई जातकों के पास दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ करने के लिए समय नहीं होता है। आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का लाभ पाने के लिए सरल उपाय क्या है। यह उपाय भगवान शिवजी ने मां पार्वती को बताया था।
दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय और 3 चरित्र
दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय हैं। जिन्हें तीन चरित्रों में बांटा गया है। हर अध्याय में देवी की महिमा और उनके रूपों के बारे में वर्णन है। दुर्गा सप्तशती के प्रथम चरित्र में मधु-कैटभ वध का वर्णन है। मध्यम चरित्र में महिषासुर का संहार का वर्णन है। उत्तर चरित्र में शुम्भ-निशुम्भ वध और सुरथ व वैश्य देवी मां से मिले वरदान का विवरण है।
कैसे करें दुर्गा सप्तशती का पाठ
कम समय में दुर्गा सप्तशती का लाभ पाने के लिए पहले कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इसके बाद कुंजिता स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण पाठ का फल मिलता है।
भगवान शिवजी ने बताया था उपाय
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिवजी ने माता पार्वती को यह उपाय बताया था। उन्होंने पार्वती को कहा था, इसके पाठ से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। भोलेनाथ ने कहा था कि कुंजिका स्तोत्र के सिद्ध हुए मंत्र का कभी गलत प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उस शख्स का अहित होता है।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'