Chandra Grahan 2025: सूतक व ग्रहण काल में भूख लगे तो क्या करें? जानें उपाय, नहीं लगेगा दोष!
7-8 सितंबर 2025 को लगने वाला चंद्र ग्रहण (today chandra grahan time) भारत में दिखाई देगा। सूतक काल (aaj grahan kitne baje lagega) दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो चुका है। इस अवधि में भोजन वर्जित है, परंतु मेवे, नारियल पानी और फल ग्रहण दोष से मुक्त माने जाते हैं। ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप विशेष शुभ फल प्रदान करता है।
Publish Date: Sun, 07 Sep 2025 08:30:37 PM (IST)
Updated Date: Sun, 07 Sep 2025 10:13:53 PM (IST)
Chandra Grahan 2025: सूतक काल में भूख लगे तो क्या करें?HighLights
- चंद्र ग्रहण 7 सितंबर रात 9:58 से 8 सितंबर 1:26 बजे तक रहेगा।
- सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होकर ग्रहण खत्म होने तक चलेगा।
- तुलसी पत्ते, मेवे और फल खाकर भूख मिटा सकते हैं, मंत्र जाप से मिलेगा पुण्य।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चंद्र ग्रहण केवल एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 7 सितंबर 2025 की रात 9:58 बजे से शुरू होकर यह ग्रहण 8 सितंबर की रात 1:26 बजे तक चलेगा। 82 मिनट तक चलने वाला यह अद्भुत दृश्य भारत के अधिकतर हिस्सों से साफ आसमान होने पर देखा जा सकेगा।
सूतक काल कब लगेगा?
ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। इसलिए इस बार सूतक काल 7 सितंबर की दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो चुका है और ग्रहण समाप्त होने तक लागू रहेगा। इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन और सभी शुभ कार्यों पर रोक मानी जाती है।
सूतक व ग्रहण काल में भोजन का नियम
सामान्य रूप से सूतक और ग्रहण काल में भोजन वर्जित है। परंतु बच्चों, वृद्धों और रोगियों को छूट दी जाती है। यदि भूख अधिक लगे तो भोजन में तुलसी, दूर्वा या कुशा पत्ते डालकर खाया जा सकता है। इसके अलावा मेवे, नारियल पानी, कच्चे फल और सब्जियां ग्रहण दोष से मुक्त मानी जाती हैं। वहीं, पके और उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि ग्रहण के समय यह शीघ्र खराब हो जाते हैं।
मंत्र जाप का महत्व
इस समय मानसिक रूप से पूजा और मंत्र जप अत्यंत शुभ फल देता है। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप कर शिवजी का ध्यान करने से सुख-समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
चंद्र ग्रहण में क्या करें (What to do during a lunar eclipse)
- चंद्र ग्रहण के समय भगवान विष्णु और चंद्र देव के नामों का जप करें। साथ ही आप महामृत्यंजय मंत्र का जप कर सकते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के समय इस उपाय को करने से इंसान चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से दूर रहता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
चंद्र ग्रहण के समापन होने के बढ़ स्नान कर घर और मंदिर की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद उपासना करें।
चंद्र ग्रहण के बाद मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन का दान करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से धन में वृद्धि होती है। चंद्र ग्रहण में क्या न करें (What not to do during a lunar eclipse)
- चंद्र ग्रहण के समय पूजा-अर्चना करना वर्जित है। ऐसा करने से पूजा सफल नहीं होती है।
- भोजन का सेवन न करें।
- मंदिर के कपाट बंद कर दें।
- नुकीली चीजों का इस्तेमाल भूलकर भी न करें।
- गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलें।
- कोई भी शुभ और मांगलिक काम न करें।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।