
धर्म डेस्क। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि यानी 11 नवंबर, मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन बजरंगबली की भक्तिपूर्वक आराधना करने और मंत्रों का जप करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से मंगल और शनि दोष का प्रभाव समाप्त होता है। साथ ही व्यक्ति के करियर, व्यापार और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है।

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष माह की सप्तमी तिथि मंगलवार को पड़ रही है। यह दिन हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
जो लोग जीवन में कठिनाइयों या बाधाओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह दिन विशेष रूप से फलदायी होता है। श्रद्धा भाव से की गई पूजा और मंत्र-जप से बजरंगबली शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
प्रातः स्नान के बाद लाल वस्त्र धारण करें।
हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और गुड़ का भोग लगाएं।
'जय श्री राम' का स्मरण करते हुए हनुमान चालीसा या उनके विशेष मंत्रों का जप करें।
1. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
2. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
3. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
6. ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥
7. राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।
8. ॐ जानकीकांत तारक रां रामाय नमः॥
9. ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम ,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
10. ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।
ह्रीं राम ह्रीं राम ।
श्रीं राम श्रीं राम ।
क्लीं राम क्लीं राम।
फ़ट् राम फ़ट्।
रामाय नमः ।
श्री रामचन्द्राय नमः ।
श्री राम शरणं मम् ।
ॐ रामाय हुँ फ़ट् स्वाहा ।
श्री राम जय राम जय जय राम ।
राम राम राम राम रामाय राम ।
ॐ श्री रामचन्द्राय नम :