हनुमान जी महाराज को भगवान शिव का रुद्रावतार माना गया है। हनुमान जी भगवान श्रीरामचंद्र के परम भक्त और समर्पण का प्रतीक हैं। हनुमान जी महाराज का संपूर्ण जीवन भगवान श्रीराम की सेवा में समर्पित रहा। हनुमान जी भक्ति, शक्ति, सिद्धी, बुद्धि, वीरता और साहस का प्रतीक हैं। हनुमान जी को महावीर, मारुति, पवनपुत्र, अंजनेय, बजरंग, अभय दाता, केसरीनंदन, अंजनीलाल आदि नामों से भी जाना जाता है। हनुमान जी अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति उचित नियमों और भक्ति के साथ भगवान हनुमान की पूजा करता है, वह सभी संकटों से मुक्त हो जाता है, इसलिए भगवान हनुमान को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। भगवान श्रीरामचंद्र के परम भक्त हनुमानजी को बजरंगबली के नाम से भी पुकारा जाता है। बजरंगबली का अर्थ है, जिसके पास हीरे, वज्र जैसा शरीर हो, जिसे तोड़ा नहीं जा सकता। बलि का अर्थ है शक्तिशाली। हनुमानजी के पास अलौकिक शक्तियां हैं। शास्त्रों के अनुसार, बजरंगबली के मंत्र जाप करने से ही लोगों की परेशानियां दूर हो जाती हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्रों के जाप से घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। सभी संकट दूर होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष यह हनुमान जन्मोत्सव का पर्व 6 अप्रैल 2023, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। इस इन मंत्रों का जाप करने सभी को विशेष कृपा की प्राप्ति होगी।
ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्। ओम हं हनुमंताय नम:
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
हनुमान जी के सिद्ध मंत्र: भय नाश के लिए
ॐ हं हनुमंते नम:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
संकट दूर करने के लिए मंत्र
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!
कर्ज से मुक्ति के लिए मंत्र
ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
सभी बाधाओं से मुक्ति के लिए मंत्र
आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर। त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।
संकटों से छुटकारा के लिए मंत्र
आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर! त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!
डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी/ सामग्री/ गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ धार्मिक मान्यताओं/ धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।