
धर्म डेस्क। वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2025) कहा जाता है। यह तिथि सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं और शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग का अभिषेक करना भी बेहद शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन सच्चे मन से व्रत और श्रीहरि की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।
वहीं, शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं अर्पित करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि देवउठनी एकादशी के दिन शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए और इसके क्या लाभ होते हैं-
यदि आप धन की कमी या आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, तो देवउठनी एकादशी के दिन सुबह स्नान कर पूजा करें। इसके बाद शिवलिंग पर चावल अर्पित करें और शिव मंत्रों का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव प्रसन्न होकर आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाते हैं।
शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मानसिक तनाव और नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही जीवन में शांति और स्थिरता बनी रहती है।
देवउठनी एकादशी के दिन शिवलिंग पर दही और शहद चढ़ाना भी अत्यंत फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्त की हर इच्छा पूर्ण करते हैं।
यदि आप किसी खास वरदान की इच्छा रखते हैं, तो इस दिन शमी के फूल शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन में शुभ फल मिलते हैं और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
देवउठनी एकादशी की तिथि - 1 नवंबर 2025 (शनिवार)
एकादशी तिथि का प्रारंभ - 1 नवंबर, सुबह 09:11 बजे
एकादशी तिथि का समापन - 2 नवंबर, सुबह 07:31 बजे
इस दिन व्रत, पूजा और दान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर की गई शिव उपासना जीवन से सभी दुखों को समाप्त कर देती है और व्यक्ति को सुख, समृद्धि और सफलता का वरदान प्राप्त होता है।