ज्योतिष में कई ऐसे योग होते हैं जिनका मनुष्य पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इन्हीं कुयोगों में से एक है गुरु-चांडाल योग। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि गुरु चांडाल योग क्या होता है। राहु और केतु दोनों छाया ग्रह हैं और अशुभ भी। यह दोनों ग्रह जिस भाव में या जिस ग्रह के साथ हों उस भाव सबंधी अनिष्ठ फल दर्शाते हैं। आइये जानते हैं चांडाल योग अशुभ प्रभाव और उसके उपाय।
अशुभ प्रभाव
1.यदि किसी जातक के जन्मांग में यह योग होता है उसकी कथनी और करनी में अंतर होता है तथा वह निराशावादी और आत्मघाती स्वभाव वाला होता है।
2.यदि जातक की कुंडली में गुरु चांडाल योग यानि कि गुरु-राहु की युति हो वह व्यक्ति क्रूर, धूर्त, मक्कार, दरिद्र और कुचेष्टाओं वाला होता है।
3.ऐसा व्यक्ति गुरुजनों का भी अपमान करता है खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए गुरु का अपमान भी करने से पीछे नहीं हटता।
4.ऐसा जातक धर्म और शास्त्रों का इस्तेमाल सिर्फ अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए करता है।
5.ऐसा व्यक्ति षडयंत्र करने वाला, ईष्र्या-द्वेष, छल-कपट आदि दुर्भावना रखने वाला एवं कामुक प्रवत्ति का होता है, गुरु चांडाल योग धारण करने वाले जातक और कोई न कोई शारीरिक मानसिक विकृति होती है। अत: उस व्यक्ति के साथ रहने वाला इंसान भी उससे परेशान रहता है।
गुरु चांडाल दोष को दूर करने के उपाय:-
हनुमत आराधना:-
राहु हनुमत आराधना से डरता है इसलिये हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
गाय को हरी घास:-
गाय को हरी घास खिलाएं व गरीबों को दान दें।
शिव एवम् गणेश पूजन:-
गणेशजी और शिव जी की उपासना और मंत्र जाप करें।
बरगद की जड़ में कच्चा दूध:-
बरगद के पेड की जड में कच्चा दूध डालें।
राहु की शांति:-
किसी योग्य व्यक्ति से राहु शांति का उपाय अवश्य करवाएं।
शिव की आराधना:-
भगवान शिव की आराधना नियमित रूप से करें।
प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
राहु को शांत क़रें:-
अगर गुरु चाण्डाल दोष गुरु या गुरु के मित्र की राशि या गुरु की उच्च राशि में बने तो उस स्थिति में हमें राहु को शांत करने का उपाय करना पड़ेगा। ताकि गुरु हमे अच्छा फल दे सके।
गुरु और राहु दोनों के उपाय:-
अगर ये दोष गुरु की शत्रु राशि में बन रहा हो तो हमें गुरु और राहु दोनों के उपाय करने होंगे।
गुरु-राहु से संबंधित मंत्र-जाप, पूजा, हवन तथा दोनों से सम्बंधित वस्तुओं का दान करना होगा।
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