Horoscope: जन्मकुंडली के सभी 12 भावों का ज्योतिष में महत्व बताया गया है। इन भाव से व्यक्ति के स्वभाव, भविष्य, भूत और वर्तमान के बारे में अध्ययन किया जा सकता है। आज हम कुंडली के तीसरे भाव के बारे में जानेंगे। तृतीय भाव आपके साहस-पराक्रम, संवाद शैली, छोटे भाई बहनों के साथ आपके संबंधों के बारे में बताता है। आपका किसी भी काम को करने का तरीका भी इस भाव को देखकर पता चल जाता है। आइए जानते हैं कि तृतीय भाव का व्यक्ति के जीवन में क्या योगदान होता है।
यदि किसी जातक की कुंडली में तृतीय भाव मजबूत स्थिति में होता है तो उनको लेखन के क्षेत्र में सफलता मिलती है। ऐसे लोग अपने विचारों को बेहतरीन तरीके से पन्नों पर उतार पाते हैं। इसके साथ ही इंटरनेट से जुड़ी नौकरियों में भी ऐसे जातकों को सफलता प्राप्त हो सकती है, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, होटल इंडस्ट्री आदि में भी ऐसे लोग सफल हो सकते हैं। ऐसे लोग तकनीकी रूप से भी काफी अच्छे होते हैं इसलिए तकनीकी उपकरण जैसे फोन, कंप्यूटर आदि से जुड़े कामों को भी यह अच्छे तरीके से कर सकते हैं।
सोशल मीडिया भी इनकी उन्नति का कारण बन सकता है। कुंडली के तृतीय भाव पर बुध ग्रह का प्रभाव माना जाता है क्योंकि यह भाव मिथुन राशि का होता है जिसका स्वामी ग्रह बुध है। तीसरा भाव मजबूत होने की वजह से ऐसे लोगों की पारिवारिक स्थिति भी अच्छी हो सकती है, छोटे भाई-बहनों के साथ ऐसे लोगों के संबंध अच्छे होते हैं। वहीं, यदि आपकी कुंडली में तृतीय भाव मजबूत अवस्था में नहीं है तो आपको फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है, आपमें डर की भावना भी हो सकता है। भाई-बहनों के साथ भी मनमुटाव हो सकते हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें