धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष सजावट होती है और भक्त लड्डू गोपाल का शृंगार कर भव्य पूजन करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि लड्डू गोपाल की श्रद्धा और विधि से उपासना करने पर साधक को शुभ फल मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त 2025 को रात 11:49 बजे होगी और समापन 16 अगस्त को रात 9:34 बजे होगा। इस बार जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी। भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष शुभ मुहूर्त 16 अगस्त की रात 12:04 से 12:47 बजे तक रहेगा।
जन्माष्टमी के दिन प्रातः स्नान कर मंदिर की साफ-सफाई करें। इसके बाद पंचामृत और गंगाजल से लड्डू गोपाल का स्नान कराएं। स्नान के बाद उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं और चंदन का लेप लगाएं। मुकुट, मोर पंख, मुरली, हार, करधनी, बांसुरी और फूलमालाओं से उन्हें सजाएं। पूजन स्थल पर दीपक जलाएं और आरती करें।
ॐ कृष्णाय नमः
ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
ओम क्लीम कृष्णाय नमः
गोकुल नाथाय नमः
ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे । हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे। सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
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