डिजिटल डेस्क। जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व (Janmashtami 2025) पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर देशभर के कृष्ण मंदिरों में विशेष सजावट, भजन-कीर्तन और रात्रि में जन्मोत्सव का आयोजन किया जाता है।
भारत में कई ऐसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक मंदिर हैं, जो श्रीकृष्ण भक्ति के केंद्र माने जाते हैं। आइए जानते हैं भारत के 10 सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों (famous krishna temples in india) के बारे में, जहां जन्माष्टमी पर लाखों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
भगवान कृष्ण के द्वारका नगरी में बसे इस मंदिर को ‘जगतमंदिर’ भी कहा जाता है। 16वीं सदी में बना यह मंदिर चूना पत्थर और रेत से निर्मित है और इसकी पांच मंजिलें भगवान कृष्ण के जीवन की कथाओं को दर्शाती हैं।
मथुरा को श्रीकृष्ण की जन्मस्थली माना जाता है। यहां का जन्मभूमि मंदिर भक्तों के लिए सबसे पवित्र स्थान है, जहां कारागार जैसा गर्भगृह बनाया गया है, जिस स्थान पर भगवान का जन्म हुआ था।
इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस) का यह मंदिर अपनी भव्यता, स्वच्छता और हरि नाम संकीर्तन के लिए प्रसिद्ध है। जन्माष्टमी पर यहां दुनिया भर से भक्त आते हैं।
सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर रात में रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाता है। यहां श्रीकृष्ण और राधा के जीवन के दृश्यों को सुंदर नक्काशी और मूर्तियों में दर्शाया गया है।
हालांकि यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (कृष्ण) के रूप में पूजे जाने वाले स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन जन्माष्टमी पर यहां भी विशेष आयोजन होता है।
वृंदावन का यह मंदिर रासलीला और कृष्ण भक्ति का जीवंत केंद्र है। यहां भगवान की मूर्ति परदा हटाकर दर्शन कराए जाते हैं, जो एक अनूठी परंपरा है।
‘दक्षिण का द्वारका’ कहलाने वाला यह मंदिर केरल की पारंपरिक वास्तुकला में बना है। यहां कृष्ण बालगोपाल के रूप में विराजमान हैं।
यह मंदिर अपने ‘कन्हैया’ की अद्भुत प्रतिमा और ‘कनकना किंडी’ (एक छोटी खिड़की) से दर्शन की परंपरा के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थान के कांकरोली में स्थित यह मंदिर ‘कांकरोली नाथ’ के नाम से भी जाना जाता है और वल्लभाचार्य संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा बनवाया गया यह मंदिर अपनी दीवारों पर अंकित संपूर्ण श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों के लिए प्रसिद्ध है।