Ketu Grah Upay । भारतीय ज्योतिष में मान्यता है कि हर जातक के जीवन में 9 ग्रहों का असर होता है और इसका असर ग्रहों की स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ हो सकता है। जिस प्रकार शनि और राहु की महादशा होती है, ठीक उसी प्रकार केतु ग्रह की भी महादशा का असर जातक के जीवन पर होता है। केतु को छाया ग्रह माना जाता है ऐसे में सभी 12 राशियों के जीवन पर इसका असर जरूर होता है। राहु और केतु को पापी ग्रह माना गया है और कई बार ग्रहों की स्थिति ठीक होने पर इसके शुभ फल भी मिलते हैं। जानिए केतु की महादशा शुरु होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं और जीवन में अशांति आने पर क्या उपाय करना होते हैं -
केतु की महादशा के दिखते हैं ये लक्षण
यदि किसी जातक की कुंडली में केतु की स्थिति खराब है तो जीवन में किसी न किसी तरह इसका असर दिखने लगता है। जानिए कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति खराब होने के लक्षण पर तरह के लक्षण दिखाई देते हैं -
- केतु ग्रह की स्थिति खराब होने पर स्किन संबंधी रोग होना
- जोड़ों में दर्द की समस्या
- सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ना
- संतान प्राप्ति में किसी न किसी तरह की रुकावट आना
- अधिकतर खांसी की समस्या रहना
- संतान को किसी न किसी समस्या का सामना करना
- तेजी से बाल झड़ना
- शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है
- केतु के दुष्प्रभावों को कम करने के उपाय
केतु की महादशा के लिए करें ये उपाय
- जातक की कुंडली में यदि केतु की स्थिति मजबूत करना चाहते हैं, तो रोजाना 108 बार 'ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:' मंत्र का जाप करें।
- शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। इसमें थोड़ी सी दूर्वा भी डाल लें।
- रोज शाम को घी का दीपक जलाएं।
- केतु के प्रकोप से बचने के लिए रविवार के दिन कन्याओं को हलवा और मीठा दही खिलाएं।
- लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ होगा।
- पके चावल में थोड़ा सा दही, काले तिल डालकर अच्छे से मिला लें। एक दोने में भरकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।
- केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं।
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