Ketu Upay: अष्टम भाव में केतु होने से जीवन पर क्या असर होता है
यदि आपकी कुंडली में केतु अच्छी पोजीशन में है तो निश्चित ही आपको इसके अच्छे परिणाम दिख रहे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आठवें घर में बैठे केतु का क्या असर होता है। अष्टम भाव का केतु जातक को कुछ विशेष गुण प्रदान करता है।
Publish Date: Tue, 18 Feb 2025 04:18:17 PM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Feb 2025 01:21:08 AM (IST)
आपकी कुंडली के आठवे घर में केतु है तो यह होगा असर।HighLights
- अष्टम भाव में केतु अचानक ही बड़ी बाधा देने में सक्षम है।
- यह मंगल के समान तेज गति से परिणाम देने वाला है।
- अष्टम भाव में केतु हो तो व्यक्ति खोजी प्रकृति का होता है
धर्म डेस्क, इंदौर। ज्योतिष शास्त्र में रुचि रखने वाले सभी लोगों के लिए यह काम की खबर है। यह तो हम सभी जानते हैं कि ग्रहों की चाल का हमारे जीवन पर अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव होता है। बात राहु और केतु की करें तो ये ग्रह पाप ग्रह की श्रेणी में आते हैं। राहु एक छाया ग्रह है जो कि आभास देता है। राहु सिर है और केतु धड़ है। यही कारण है कि राहु के साथ केतु का भी जिक्र किया जाता है। राहु मायावी है और केतु चमत्कारिक है। यह डिटैचमेंट और मोक्ष का भी कारक है। आपको देखना चाहिये कि केतु आपकी कुंडली के कौन से भाव में है। यदि यह आंठवे भाव में है तो उसका जीवन पर क्या असर होगा, आचार्य मण्डन मिश्र: हमें इसके बारे में बता रहे हैं।
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- केतु विरक्ति कारक है केतु त्याग का दूसरा नाम है केतु मुक्ति का मार्ग है केतु आपकी अंतर आत्मा है केतु आपका परमत्मा से सीधा सम्बन्ध है।
- अष्टम भाव समाधि, रहस्यों , आयु / मृत्यु / का भाव है अष्टम भाव वसीयत पैतृक सम्पत्ति , बहुत बड़े बदलाव , ऐक्सिडेंट और असाध्य रोगों का भी है।
- अष्टम भाव से अचानक जुआ सट्टा से मिला धन और गुप्त विद्याओं का भी विचार किया जाता है अष्टम भाव ससुराल और सेक्सुअल स्कैंडल का भी है।
- अष्टम भाव से ही ज्योतिष देखा जाता है।
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अष्टम भाव के केतु के प्रभाव
- अष्टम भाव बाधा का घर है और केतु को कुजावत केतु कहा गया है अर्थात मंगल के समान तेज़ और अचानक परिणाम देने वाला....अष्टम भाव में केतु अचानक बड़ी बाधा देने में सक्षम है।
- अष्टम भाव में केतु हो तो व्यक्ति के पास इन्ट्यूशन पॉवर होती है ऐसा व्यक्ति भविष्य में होने वाली घटनाओं को कई बार जान लेता है अष्टम भाव का केतु यानी शमशान पर बैठा अघोरी / फकीर जो आपको अचानक कोई दुआ दे दे जैसे आपकी संतान नहीं होती और कोई अघोरी फकीर अचानक आपको मिले और दुआ दे और वो दुआ घटित हो जाए ये अष्टम के केतु की करामात है।
अष्टम भाव में केतु हो और उसका सम्बन्ध शुक्र गुरु / धन भाव / एकादश भाव / चतुर्थ भाव से बने तो अचानक धन या प्रॉपर्टी प्राप्त होती है।
अष्टम भाव का केतु कोई ना कोई बीमारी या सर्जरी देने में सक्षम होता है।
अष्टम भाव में केतु हो तो व्यक्ति खोजी प्रकृति का होता है और रिसर्च की दुनिया से नाम कमा सकता है।
अष्टम भाव में केतु हो तो व्यक्ति पहले ही मृत्यु की आहट सुन लेता है।
अष्टम भाव में केतु शुभ हो तो व्यक्ति प्राकृतिक आपदा या ऐक्सिडेंट में फस कर भी जिंदा बाहर निकाल आता है जैसे भूकंप आने के बाद पूरी बिल्डिंग गिर जाने के बाद व्यक्ति नीचे से जिंदा बाहर निकाल आए।
अष्टम भाव में केतु हो तो पुत्र संतान को कष्ट रहता है या पुत्र संतान देरी से जन्म होती है।
अष्टम भाव में केतु पीड़ित हो तो कोई बड़ा घाव या / कमर से नीचे के रोग अवश्य देता है।
अष्टम भाव में केतु हो तो उधार दिया हुआ धन मरा जाता है।
अष्टम भाव का केतु आमदनी में रुकावट / प्रोफेशन में रुकावट और समस्या दे सकता है। डिस्क्लेमर- 'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'