हाथ में कड़ा पहनना आजकल फैशन में है। लकड़ा हो या लड़की सोना-चांदी या अन्य धातुओं के कड़े पहनने का काफी शौक रखते हैं। फैशन के अलावा अलग अलग प्रकार के कड़े पहनने के अपने महत्व हैं। लेकिन बिना ज्योतिष की सलाह के कड़े पहनने आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइये जानते हैं कड़े पहनने के फायदे एवं नुकसान।
कड़ा पहनने के तीन फायदे
पहला
पीतल और तांबे का मिश्रित कड़ा पहनने गुरु, मंगल और चंद्र बलवान होते है। पीतल से गुरु, तांबे से मंगल और चांदी से चंद्र बलवान होता है। कुंडली में इन तीनों ग्रहों की अच्छी स्थिति जातक के लिए लाभकारी होती है।
दूसरा
कड़ा हनुमानजी का प्रतीक माना जाता है। पीतल और तांबा मिश्रित धातु का कड़ा पहनने से सभी तरह के भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति की रक्षा होती है।
तीसरा
हाथ में कड़ा धारण करने से कई तरह की बीमारियों से भी रक्षा होती है। जो व्यक्ति बार-बार बीमार होता है उसे सीधे हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए। मंगलवार या शनिवार हनुमान मंदिर में जाकर कड़े को बजरंग बली के चरणों में रख दें। हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद कड़ा धारण कर लें।
कड़ा पहनने के तीन नुकसान
पहला
सोने का कड़ा सूर्य देव, चांदी का कड़ा चंद्र देव, पीतल का कड़ा गुरु और तांबे का कड़ा मंगल का माना जाता है। इन कड़ो को किसी ज्योतिष से पूछे बिना धारण नहीं करना चाहिए। अन्यथा ये ग्रहों को बहुत बुरा फल देते हैं।
दूसरा
लौहे, स्टील या जर्मन का कड़ा शनि देव का माना जाता है। शनि कुंडली में कहीं भी होगा तो वह पराक्रम में माना जाएगा। पराक्रम में यदि पहले से चंद्र या शनि के शत्रु ग्रह है तो नुकसान होगा। शनि का कड़ा पहनते समय विशेष सावधानी रखना चाहिए।
तीसरा
धार्मिक कड़ा पहनने के नियम उसी तरह हैं जिस तरह की यज्ञोपवीत पहनने के नियम हैं। बहुत से लोग कड़ा पहनने के बाद किसी भी प्रकार का नशा करते हैं या अन्य कोई अनैतिक कार्य करते हैं तो इससे उसको नुकसान होगा।
डिसक्लेमर
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