भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवनकाल में ग्रहों की महादशा और सूक्ष्म दशाओं से प्रभावित होता है। किसी ग्रह की दशा व्यक्ति की लिए शुभ होती है। वहीं, कुछ ग्रहों की दशाएं अशुभ होती है। इस क्रम में आज हम ग्रहों के राजकुमार बुध देव की महादशा पर बात करेंगे। बुध की महादशा में व्यक्ति 17 साल तक प्रभावित रहता है। बुध देव को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, अर्थव्यवस्था, व्यापार और मित्र का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में बुध देव अशुभ स्थिति में विराजमान हैं, तो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, वह हकलाने लगता है। साथ ही वह गणित और वाद- विवाद में कमजोर होता है। ऐसे में यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, बुध की महादशा का जीवन में प्रभाव और उपाय।
जन्म कुंडली में बुध ग्रह के अशुभ होने पर जातक को अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्यापार में सफलता मिलती है। नाक, कान और चर्म रोग होने की संभावना रहती है। मौसी और बुआ से संबंध खराब होते हैं। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में नुकसान उठाना पड़ता है।
जन्म कुंडली में बुध ग्रह के शुभ होने पर जातक को सभी कार्यों में सफलता मिलती है। व्यापार में उन्नति होती है। गणित विषय में दिमाग तेज होता है। कैलकुलेशन बहुत अच्छी होती है। ऐसा व्यक्ति का करिअर एमबीए, गणित टीचर, अर्थशास्त्री, बैंक सेक्टर में अच्छा नाम होता है। वाद-विवाद की कला में यह लोग निपुण होते हैं।
1.बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए हर बुधवार गाय को हरा चारा खिलाएं।
2.किन्नरों को समय- समय पर कुछ पैसे दें।
3.हाथ में पन्ना रत्न धारण करें।
4.बुध ग्रह से संबंधित दान जैसे- हरी मूंग की दाल, हरी कोई सब्जी, हरे रंग का कोई कपड़ा बुधवार के दिन दान कर सकते हैं।
5.बुध ग्रह के बीज मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का 108 बार रोज जाप करें।
डिसक्लेमर
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