बहुत कम लोगों को पता है कि पूजा में जलाया जाने वाला दीपक कई प्रकार के ग्रह-दोषों को भी शांत करता है। इसके अतिरिक्त इस दौरान दीपक का प्रयोग किया जाना उस जगह पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके अलावा भी पूजा के दौरान दीपक जलाया जाना कई प्रकार से महत्व रखता है। यही वजह कि हर प्रकार की पूजा में दीपक जलाया जाना अनिवार्य समझा जाता है तथा इसके बिना पूजा-अर्चना अधूरी मानी जाती है। शास्त्रीय मान्यताओं में अलग-अलग भगवान की पूजा में अलग-अलग प्रकार के दीपक जलाये जाने का महत्व बताया गया है जो आपकी मनोकामना भी पूरी कर सकते हैं। आगे हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं।
आर्थिक समस्याएं होती हैं दूर
अगर घर में लगातार आर्थिक समस्याएं बनी रहती हों या धन आने के बावजूद इसका संचय नहीं हो पाता तो घर के मंदिर या पूजास्थल पर प्रतिदिन सुबह-शाम घी का दीपक जलाना शुरु कर दें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं तथा धीरे-धीरे घर में धन का आगमन होने लगता है साथ ही रोग-व्याधियों जैसी समस्याएं दूर होने लगती हैं। इस प्रकार घर में आय हुए धन का आप पूर्ण उपयोग कर पाएंगे।
करियर व्यापार में तरक्की
सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। अगर करियर-व्यापार में लोगों के साथ संबंध खराब होने के कारण नुकसान हो रहा हो या ऑफिस में बॉस या सहकर्मियों के साथ आपके मनमुटाव हों तो ऐसे में शनिवार के दिन किसी भी मंदिर में शनिदेव की प्रतिमा के सामने सरसों तेल का दीपक जलाएं। कुछ ही दिनों में लाभ होगा।
शत्रुता से बचने के लिए
शत्रु अगर आपको नुकसान पहुंचा रहे हों तो किसी भी भैरव मंदिर में शनिवार या सोमवार के दिन सरसों तेल का दीपक जलाने से जल्दी ही इससे छुटकारा मिलेगा। शनि दोषों के कारण जीवन में उथल-पुथल हो, तो प्रत्येक शनिवार के दिन पीपल वृक्ष के नीचे सरसों तेल का दीपक अवश्य जलाएं।
समाज में मिलती है प्रतिष्ठा
प्रसिद्धि तथा सफलता प्राप्ति कुंडली में सूर्य कमजोर होना व्यक्ति को सफलता से जहां दूर ले जाता है। वहीं, सामाजिक सम्मान में भी कमी लाता है। ऐसी स्थिति में प्रतिदिन संध्याकाल में तेल का दीपक जलाना जल्द ही ऐसी स्थितियों से मुक्त करता है।
रोगों से मुक्ति
अगर परिवार का कोई सदस्य बार-बार बीमार पड़ता हो या लंबी बीमारी से पीड़ित हो तो परिवार के मुखिया या किसी भी सदस्य को घर के मुख्य दरवाजे पर संध्याकाल में महुए के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके अतिरिक्त व्यक्ति अगर स्वयं भी प्रतिदिन सुबह सूर्यदेव को जल का अर्घ्य अर्पित करते हुए उनके समझ तेल का दीपक जलाए तो भी वह रोगों से मुक्त हो जाता है।
राहु-केतु के दुष्प्रभावों से मुक्ति
राहु-केतु के दुष्प्रभावों से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में कभी सुख-शांति नहीं मिल पाती। अगर कुंडली में इन ग्रहों की नीच स्थिति हो तो नित्य सुबह या संध्याकाल में अलसी के तेल का दीपक जलाएं। जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।
डिसक्लेमर
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