Kumbh Sankranti 2023: हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति की तरह कुंभ संक्रांति का एक विशेष महत्व होता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान, ध्यान के बाद दान-पुण्य किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कुंभ संक्रांति पर गंगा स्नान करने से सूर्य देव का आर्शीवाद प्राप्त होता है। देशभर में इस दिन गंगा, नर्मदा, युमना और गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इस साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।
कब होती कुंभ संक्रांति
फाल्गुन माह में जब सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे कुंभ संक्रांति कहा जाता है। कुंभ संक्रांति के दौरान गौ माता को दान देना और गंगा स्नान अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और व्रत किया जाता है।
कुंभ संक्रांति 2023 पुण्य काल मुहूर्त
तारीख - 13 फरवरी 2023
पुण्य काल मुहूर्त का समय - सुबह 7 बजकर 2 मिनट
समापन समय - सुबह 9 बजकर 57 मिनट
पुण्य काल मुहूर्त की कुल अवधि - 2 घंटे 55 मिनट
स्नान एवं दान का महत्व
कुंभ संक्रांति पर दान-पुण्य का बहुत महत्व माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। संक्रांति के दिन स्नान से जातक को ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है।
कुंभ संक्रांति 2023 पूजा विधि
-ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा में स्नान करें।
-स्नान के बाद भगवान का ध्यान करें।
-भगवान सूर्य देव को गंगा जल और तिल मिलाकर अर्घ्य दें।
-अर्घ्य देने के बाद मंदिर में दीप जलाएं।
-भगवान सूर्य के 108 नामों का जाप करें।
-सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य चालीसा का पाठ करें।
-पूजा करने के बाद किसी गरीब को या पंडित को दान की सामग्री दें।
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