Hanuman Mantra: हनुमान जी महाराज को कलयुग का देवता कहा जाता है। हनुमान जी शक्ति, बुद्धि, अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता हैं। मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विधान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रों के समान ‘साबर-मंत्र’ भी अनादि और अचूक हैं। साबर मंत्रों में बहुत शक्ति होती है। यह एक प्रकार के अचूक मंत्र होते हैं। सभी मंत्रों के प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शंकर ही हैं, परंतु साबर मंत्रों के प्रवर्तक भगवान शंकर प्रत्यक्षतया नहीं हैं। दुनिया भर में बहुत से लोग साबर मंत्र से अनजान हैं। लेकिन जिनके पास यह है उनके पास अपने जीवन को बदलने की क्षमता है और वे वास्तव में जो कुछ भी चाहते हैं उसे आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। आज हम आपको 5 साबर मंत्र के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं हनुमानजी के ऐसे 5 साबर मंत्र जिन्हें सिद्ध करने के बाद कोई भी आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता।
।।ओम गुरुजी को आदेश गुरुजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा,
तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
ॐ नमो बजर का कोठा, जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला, हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ
नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा
डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे
ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट
पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।
5.ॐ पीर बजरंगी, राम-लखन के संगी, जहां-जहां जाय,
विजय के डंके बजाय, दुहाई माता अंजनी की आन।
चेतावनी : हनुमानजी के साबर मंत्र पढ़ने या जपने के कुछ नियम होते हैं पहले उन्हें जान लें। साबर मंत्रों को स्वयंसिद्ध माना गया है। इसके बोलते ही संबंधित देवी या देवता जाग्रत हो जाते हैं। इन मंत्रों के अतिरिक्त कुछ ऐसे मंत्र जिनका जाप करना सामान्य व्यक्ति के लिए मुश्किल है। ऐसे मंत्रों को जानकारों के निर्देशन में ही जपना चाहिए।
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