श्राद्ध पक्ष पितरों को इस मंत्र से करें जल अर्पित
श्राद्ध पक्ष में हर दिन सवेरे नित्य कर्म से निवृत्त होकर पानी में काले तिल डालकर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पितरों को जल अर्पित करें।
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Publish Date: Wed, 06 Sep 2017 03:58:52 AM (IST)
Updated Date: Wed, 06 Sep 2017 09:48:00 AM (IST)

इंदौर। श्राद्ध पक्ष पितरों को स्मरण करने का अवसर है। श्राद्ध पक्ष में हर दिन सवेरे नित्य कर्म से निवृत्त होकर पानी में काले तिल डालकर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पितरों को जल अर्पित करें। श्राद्ध के हर दिन सुबह 9 बजे से पहले पितरों को इसी तरह जल अर्पित करें। जल देते समय इस मंत्र का तीन बार जाप करें।
'ओम सर्वपितृ देवाय नमः।'
इस मंत्र से सभी पितरों से सुख-संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
श्राद्ध के प्रथम दिन का महत्व- आज से महालय प्रारंभ होगा। पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध आज है। दोपहर 12.32 से लोग प्रतिपदा श्राद्ध कर सकते हैं। कुछ लोग उदयातिथि के अनुरूप 7 सितंबर को भी प्रतिपदा श्राद्ध करेंगे। जिनकी मृत्यु एकम तिथि को हुई है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है। कुछ लोग पूर्णिमा के दिन पितरों को श्राद्ध में शामिल करते हैं।
-पं. ओम वशिष्ठ, ज्योतिर्विद
घर-घर पितरों की याद में श्राद्ध व ब्राह्मण भोजन के आयोजन होंगे। इस बार दो तिथि एकसाथ होने से श्राद्ध पक्ष सोलह की बजाय पंद्रह दिन का होगा। मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठान और भागवत कथा के आयोजन होंगे। कोई दिवंगत सदस्यों के नाम से पिंडदान करेगा तो कोई उनके नाम से तर्पण। गरीबों को दिवंगतों के नाम से दान किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि इस वर्ष पूर्णिमा और एकम एक ही तिथि में होने से श्राद्ध पक्ष का एक दिन कम हो गया है।